- कमजोर, मधुमेह रोगी, धूम्रपान और तंबाकू चबाने वालों को ज्यादा खतरा
- नियमित दवा और बेहतर खानपान से पूरी तरह ठीक हो जाता है क्षय रोग
हापुड़। टीबी माइकोबैक्टीरियम जीवाणु के कारण होती है। यूं तो बाल और नाखूनों को छोड़कर शरीर के किसी भी अंग में टीबी हो सकती है, लेकिन 90 फीसदी मामले फेफड़ों की टीबी के ही होते हैं। फेफड़ों की टीबी फैलने वाली बीमारी है। संक्रमित व्यक्ति के बिना मास्क लगाए खांसने, छींकने या बोलने पर टीबी के जीवाणु फैलते हैं। टीबी का उपचार शुरू होने के दो सप्ताह बाद इसके संक्रामक होने की आशंका काफी कम हो जाती है। यह बातें मंगलवार को जिला क्षय रोग अधिकारी (डीटीओ) डा. राजेश सिंह ने कहीं। उन्होंने कहा क्षय रोगी के साथ ऐसा कोई व्यवहार न करें जिससे उसकी भावनाएं आहत होती हों। क्षय रोगियों को भावनात्मक सहयोग प्रदान करते रहें।
डीटीओ डा. सिंह ने बताया कि धूम्रपान करने, तंबाकू चबाने, मदिरापान करने और भीड़भाड़ वाली संकरी जगहों पर रहने वाले, मधुमेह रोगी और कमजोर प्रतिरोधक क्षमता वाले लोग क्षय रोग के प्रति ज्यादा संवेदनशील होते हैं। ऐसे लोगों को अपनी जांच कराते रहना चाहिए। क्षय रोग विभाग टीबी जांच की सुविधा निशुल्क उपलब्ध कराता है। उन्होंने बताया टीबी से संक्रमित व्यक्ति काफी कमजोर हो जाता है। ऐसे में खान-पान का बहुत ध्यान रखने की जरूरत होती है। टीबी रोगियों को अपनी डाइट में फल और सब्जियां खूब शामिल करनी चाहिएं, जिससे शरीर में विटामिन और मिनरल्स की कमी पूरी होती रहे। इसके अलावा भोजन में प्रोटीन की मात्रा भी पर्याप्त होनी चाहिए। क्षय रोगियों को सेलेनियम, जिंक, फोलिक एसिड और कैलशियम की भी जरूरत होती है। एक साथ ज्यादा खाने के बजाय रोगियों को बार-बार थोड़ा -थोड़ा भोजन करते रहना चाहिए।
जिला पीपीएम कोआॅर्डिनेटर सुशील चौधरी ने बताया कि क्षय रोगी कई बार बीच में ही दवा खाना छोड़ देते हैं, वह बहुत ही खतरनाक स्थिति हो जाती है। बीच में दवा छोड़ने से दवाएं काम करना छोड़ देती हैं। चिकित्सक की सलाह से नियमित और पूरा उपचार करें। 15 दिन से ज्यादा खांसी रहने पर जांच कराएं। इसके अलावा भूख न लगना, वजन कम होना, थकान रहना, बलगम के साथ खून आना, सीने में दर्द और रात में सोते समय पसीना आना भी टीबी के लक्षण हो सकते हैं।
पीपीसी प्रभारी ने दो क्षय रोगियों को गोद लिया
पेशेंट प्रायरिटी केयर (पीपीसी) कोठीगेट पर मंगलवार को आयोजित एक संक्षिप्त कार्यक्रम के दौरान पीपीसी प्रभारी डा. योगेश गुप्ता ने दो क्षय रोगियों को गोद लेकर पुष्टाहार उपलब्ध कराया। कार्यक्रम के दौरान डीटीओ डा. राजेश सिंह ने क्षय रोगियों को नियमित रूप से दवा खाते रहने के लिए प्रेरित किया। इस मौके पर एसटीएस हसमत अली, जिला पीएनडीटी कोआॅर्डिनेटर मनोज कुमार गौतम, एसटीएलएस बृजेश कुमार, एलटी अमित त्रिवेदी और टीबीएचवी लाखन सिंह आदि मौजूद रहे।