नई दिल्ली। दिल्ली हाई कोर्ट ने दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत के पिता कृष्ण किशोर सिंह की याचिका पर सभी प्रतिवादियों को नोटिस जारी किया है, जिन्होंने एकल पीठ के आदेश को चुनौती दी है। सिंगल बेंच ने कथित तौर पर सुशांत के जीवन पर आधारित फिल्म पर रोक लगाने से इनकार किया था। वहीं, फिल्म निर्माताओं और निर्देशकों के वकील डॉ. ए पी सिंह ने कहा है कि दिल्ली हाई कोर्ट द्वारा फिल्म पर प्रतिबंध लगाने की याचिका खारिज होने के बाद कोर्ट ने शुक्रवार को दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत के पिता कृष्ण किशोर सिंह द्वारा दायर फिल्म निर्माताओं द्वारा अभिनेता के नाम, कैरिकेचर के उपयोग करने और उनके जीवन पर बनी फिल्म “न्याय: द जस्टिस” की ओटीटी प्लेटफॉर्म पर रिलीज करने से रोक लगाने वाली मांग वाली याचिका पर नोटिस जारी किया। न्यायमूर्ति अनूप जयराम भंभानी और न्यायमूर्ति जसमीत सिंह की खंडपीठ ने प्रतिवादियों से जवाब मांगा और मामले को आगे की सुनवाई के लिए 14 जुलाई की तारीख तय की।
बता दें कि सुशांत सिंह राजपूत के पिता एक बार फिर से दिल्ली हाई कोर्ट पहुंच गए हैं। उन्होंने पहले भी दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दी थी कि उनके बेटे के जीवन पर आधारित फिल्म बनाने से फिल्मकारों को रोका जाए। लेकिन, पहली बार में उनकी याचिका खारिज हो गई थी। अब उन्होंने बड़ी बेंच के सामने फिर से अपने परिवार और अपने दिवंगत बेटे की निजता का हवाला देकर इस तरह के प्रयासों को रोकने की गुहार लगाई। मामले की अगली सुनवाई 25 जून को थी। जिसमें अदालत को संबंधित फिल्म की जानकारी दी जाएगी कि वह रिलीज हुई या नहीं। यह मामला कथित तौर पर उनके जीवन पर आधारित फिल्म ‘न्याय: द जस्टिस’ से जुड़ा है।
जानकारी के अनुसार सुशांत सिंह राजपूत के पिता केके सिंह ने दिल्ली हाई कोर्ट के एक पुराने आदेश को चुनौती दी है। यह आदेश इसी अदालत के सिंगल बेंच ने पारित किया था। उस आदेश में अदालत ने सुशांत सिंह राजपूत के जीवन पर बन रही प्रस्तावित फिल्मों पर रोक लगाने की याचिका खारिज कर दी थी। सुशांत के पिता की ताजा याचिका पर अदालत के जस्टिस अनूप जयराम भंभानी और जस्टिस जसमीत सिंह की वैकेशन बेंच ने सुनवाई 25 जून तक के लिए टाल दी थी।
बता दें कि सुशांत के पिता की मांग है कि किसी को भी फिल्मों में उनके बेटे का नाम या उससे मिलती-जुलती कहानी के इस्तेमाल की इजाजत न दी जाए, लेकिन सिंगल बेंच ने उनकी याचिका खारिज कर दी थी। अब डबल बेंच उसी के खिलाफ उनकी याचिका पर सुनवाई कर रही है। मूल रूप से यह याचिका कथित तौर पर उनके जीवन पर बनी फिल्म ‘न्याय: द जस्टिस’ से जुड़ा है। याचिका में कहा गया था कि याचिकाकर्ता और उनके दिवंगत बेटे को भारत के संविधान के आर्टिकल 21 के तहत निजता का अधिकार या अकेले रहने का अधिकार है।
मालूम हो कि अभिनेता पिछले साल 14 जून को मुंबई में अपने फ्लैट में मृत पाए गए थे। मुंबई पुलिस और महाराष्ट्र के तत्कालीन गृहमंत्री ने उनकी संदिग्ध मौत को फौरन ही सुसाइड करार दे दिया था। लेकिन, बाद में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर इसकी जांच सीबीआई ने फिर शुरू की और वह अभी तक किसी नतीजे पर नहीं पहुंची है। बीते एक साल में भी सोशल मीडिया और मेन स्ट्रीम मीडिया में उन्हें न्याय दिलाने की उनकी फैंस की गुहार धीमी नहीं पड़ी है।