- सभी जिलों में एक हेल्थ एटीएम की हो स्थापना
- किसी असुविधा पर मुख्यमंत्री कार्यालय को करें सूचित
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यहां अपने सरकारी आवास पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मंडल, जोन, रेंज, पुलिस कमिश्नरेट और जनपद के वरिष्ठ प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों तथा विकास प्राधिकरणों के उपाध्यक्षों के साथ प्रदेश में अतिवृष्टि/अल्पवृष्टि, कानून व्यवस्था, यातायात प्रबंधन और औद्योगिक निवेश की गहन समीक्षा की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने प्रदेश में मादक द्रव्यों के अवैध कारोबारियों के खिलाफ बड़ा अभियान प्रारंभ किया है। इस दिशा में निर्णायक प्रयास करने पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि विभिन्न प्रदेशों में अवैध शराब के सेवन से मृत्यु की घटनाएं हुई हैं। इसके दृष्टिगत प्रदेश में विशेष सतर्कता बरती जाए। मादक द्रव्यों के अवैध कारोबारियों के खिलाफ सघन अभियान चलाकर कठोर विधिसम्मत कार्रवाई की जाए। इसके लिए प्रत्येक जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक, पुलिस उपाधीक्षक, थानाध्यक्ष को अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी। हुक्का बार प्रतिबंधित है, इनका संचालन किसी भी दशा में नहीं होना चाहिए। बेहतर टीम वर्क के साथ ड्रग माफियाओं के खिलाफ यह प्रदेशव्यापी अतिमहत्वपूर्ण अभियान आंदोलन के रूप में आगे बढ़ाया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि युवाओं को नशे के अंधेरे में ढकेलने वाले समाजविरोधी तत्वों की सूक्ष्मता से पड़ताल करके थाना स्तर पर ऐसे हर छोटे-बड़े अराजक तत्वों की सूची तैयार की जाए। मादक द्रव्यों के अवैध कारोबारियों के विरुद्ध सघन छापेमारी की जाए। रेलवे स्टेशन आदि सार्वजनिक स्थलों के आसपास पेट्रोलिंग बढ़ायी जाए। यह कार्यवाही जीरो टॉलरेंस के साथ पूरी कठोरता से की जाए। इस अभियान में लापरवाही स्वीकार नहीं की जाएगी। इसमें शिथिलता बरतने वाले पुलिस अधिकारियों की जवाबदेही सुनिश्चित की जाएगी।
मादक द्रव्यों के अवैध कारोबार के विरुद्ध प्रभावी कार्रवाई के साथ ही युवाओं को मादक द्रव्यों से दूर रखने के लिए प्रभावी प्रयास किए जाएं। मादक द्रव्यों के दुष्प्रभावों के प्रति व्यापक जागरूकता के लिए शिक्षा विभाग द्वारा स्कूलों में पोस्टर प्रतियोगिता, निबंध, वाद-विवाद प्रतियोगिता आदि कार्यक्रम संचालित किए जाएं। उन्होंने मादक द्रव्यों की लत से पीड़ित युवाओं के चिकित्सकीय उपचार, काउंसिलिंग के माध्यम से पुनर्वास पर बल देते हुए कहा कि स्थानीय स्तर पर इसके लिए कार्य कर रही स्वयंसेवी संस्थाओं का सहयोग लेकर नशा मुक्ति के लिए प्रयास किया जाए। सभी जिलाधिकारियों द्वारा स्वयं पहल कर अपने जनपद में एक हेल्थ एटीएम किसी सामुदायिक/प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र अथवा किसी अन्य उपयुक्त स्थल पर स्थापित कराया जाए। हेल्थ एटीएम पर प्रशिक्षित पैरामेडिक्स की तैनाती की जाए। हेल्थ एटीएम को नजदीक के किसी अस्पताल से सम्बद्ध किया जाए। इस पहल से ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य जांच-परीक्षण के लिए बड़ा सुलभ तंत्र विकसित हो सकेगा। हेल्थ एटीएम की स्थापना के लिए रेडक्रॉस, डिस्ट्रिक्ट मिनरल फंड अथवा सी0एस0आर0 फंड का उपयोग किया जा सकता है। इसके बाद भी यदि धन की व्यवस्था नहीं हो पाती है तो उन्हें अवगत कराया जाए। वे वित्तीय प्रबंधन करेंगे। उन्होंने कहा कि फील्ड में तैनात किसी अधिकारी को जनहित के कार्यों में किसी असुविधा पर शासन स्तर से अपेक्षित सहयोग न मिले, तो बेहिचक मुख्यमंत्री कार्यालय को सूचित किया जाए। वे स्वयं चौबीसों घंटे उनकी (जिलाधिकारी) समस्याओं को सुनने और समाधान करने के लिए उपलब्ध हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ/पीएसी तथा आपदा प्रबंधन की टीमें 24़7 एक्टिव मोड में रहें। आपदा प्रबंधन मित्र, सिविल डिफेंस के स्वयंसेवकों की आवश्यकतानुसार सहायता ली जाए। जिलाधिकारी गण द्वारा नौकाओं, राहत सामग्री आदि का प्रबंध भी सुनिश्चित कर लिया जाए। प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्यों में देर न हो। प्रभावित परिवारों को हर जरूरी मदद तत्काल उपलब्ध कराई जाए। जहां जलभराव की स्थिति बने, वहां पशुओं को अन्यत्र सुरक्षित स्थल पर शिफ्ट कराया जाए। इन स्थलों पर पशु चारे की पर्याप्त व्यवस्था होनी चाहिए। एंटी स्नेक वेनम की भी कमी नहीं होनी चाहिए। मंडलीय भ्रमण के लिए जा रहे मंत्री समूह को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों की जानकारी दी जाए। मंत्रीगण द्वारा बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का भी भ्रमण किया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विगत कुछ समय से गोवंश एवं महिषवंश पर लंपी वायरस का दुष्प्रभाव देखने को मिला है। इस संक्रमण के कारण कई राज्यों में व्यापक पशुधन हानि हुई है। इस वायरस के प्रसार को रोकने के लिए मिशन मोड में काम करने की आवश्यकता है। पशुपालकों को संक्रमण के लक्षण और उपचार के बारे में पूरी जानकारी दी जाए। संक्रमण के लक्षण दिखने पर प्रभावित गोवंश तो तत्काल आइसोलेट किया जाए। संक्रमित गोवंश अन्य पशुओं के संपर्क में न आने पाए। इसके लिए विशेष सतर्कता की आवश्कता है।
इस अवसर पर औद्योगिक विकास मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता नन्दी, अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त अरविन्द कुमार, अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी, पुलिस महानिदेशक डीएस चौहान, अपर मुख्य सचिव आबकारी संजय भूसरेड्डी, अपर मुख्य सचिव पशुपालन रजनीश दुबे, अपर मुख्य सचिव कृषि देवेश चतुर्वेदी, अपर मुख्य सचिव उच्च शिक्षा मोनिका गर्ग, अपर मुख्य सचिव माध्यमिक शिक्षा आराधना शुक्ला, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एवं सूचना संजय प्रसाद, प्रमुख सचिव नगर विकास अमृत अभिजात, प्रमुख सचिव आवास नितिन रमेश गोकर्ण, प्रमुख सचिव राजस्व सुधीर गर्ग, प्रमुख सचिव सिंचाई अनिल गर्ग, राहत आयुक्त रणवीर प्रसाद सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक में सम्मिलित हुए।