- आरटीआई का जवाब समय अवधि के अंदर न देने पर संबंधित अधिकारी पर की होगी कार्यवाही
गाजियाबाद। राज्य सूचना आयुक्त नरेंद्र कुमार श्रीवास्तव की अध्यक्षता में समस्त विभागों के जन सूचनाधिकारियों/प्रथम अपीलीय अधिकारियों के साथ कलेक्ट्रेट के महात्मा गांधी सभागार में बैठक आयोजित हुई। बैठक में सर्वप्रथम अपर जिलाधिकारी प्रशासन ऋतु सुहास ने सूचना आयुक्त का स्वागत करते हुए उन्हें जन सूचना अधिकार अधिनियम के अंतर्गत लोगों द्वारा विभागवार मांगी गयी सूचनाओं के निस्तारण के संबंध में विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराई। इस अवसर पर राज्य सूचना आयुक्त नरेंद्र कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि सूचना अधिकार अधिनियम का मुख्य उद्देश्य समस्त विभागों में पारदर्शिता लाना व भ्रष्टाचार को समाप्त करना है। इन्हीं उद्देश्यों के लिए सूचना अधिकार अधिनियम का बेहतर क्रियान्वयन जरूरी है। उन्होंने जन सूचना अधिकारियों से कहा कि आवेदक द्वारा जो आवेदन पत्र प्राप्त होता है उसका यथाशीघ्र निस्तारण करें। सूचना देने में किसी भी प्रकार का विलम्ब ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि सहायक जन सूचना अधिकारी व जिला जन सूचना अधिकारी को यदि अन्य विभागों से संबंधित सूचना प्राप्त होती है तो उस संबंध में पत्र प्राप्ति के पांच दिन के अंदर कार्यवाही करते हुए संबंधित विभाग को भेजते हुए शिकायतकर्ता को भी अवगत करा दें। उन्होंने कहा कि जन सूचना अधिकारी 30 दिन के अंदर संबंधित को सूचना उपलब्ध करा दें। जो शुल्क की मांग की जानी है उसका सही आंकलन करके आवेदक को बताएं। शुल्क न जमा करने पर उसको मांगी गयी सूचना की छाया प्रति उपलब्ध न करायें। उन्होंने कहा कि जो अधिकारी सूचना नहीं देते हैं तो उन्हें आवेदक को इस संबंध में कारण बताना होगा। उन्होंने कहा कि सभी विभागों में प्रथम अपीलीय अधिकारी नियुक्त हैं जहां पर नहीं है वहां पर नामित कर दिया जाए। उन्होंने कहा कि जिस रूप में सूचना दी जानी है उसी रूप में सूचना दें। कोई भी तथ्य न छिपायें, गलत सूचना दिये जाने पर कार्रवाई की जायेगी। इस अवसर पर उन्होंने जनपद के लंबित प्रकरणों पर अधिकारियों को निर्देशित किया कि उसका निस्तारण प्रत्येक दशा में प्राथमिकता पर समय अवधि के अंदर कराएं तथा इसमें किसी भी विभाग की समस्या लम्बित रहती है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जायेगी। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सूचना आयोग के समक्ष केवल जन सूचना अधिकारी ही उपस्थित हों, अपने अधीनस्थ अधिकारी को न भेजा जाए। यदि जनपद स्तर पर ही जन सूचना अधिकारी व प्रथम अपीलीय अधिकारियों के द्वारा जन सूचना के केस निस्तारित कर दिए जाएं तो इस प्रकार की बड़ी समस्या पैदा नहीं होगी। प्रथम अपीलीय अधिकारी द्वारा अपने दायित्वों को निर्वहन नहीं करने पर उनके विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी। बैठक के अंत में अपर जिलाधिकारी प्रशासन ऋतु सुहास ने सूचना आयुक्त को आश्वस्त करते हुए कहा कि आरटीआई के संबंध में उनके द्वारा जो निर्देश दिए गए हैं संबंधित अधिकारियों के माध्यम से उनका अक्षर से पालन सुनिश्चित कराते हुए सभी विभागों में निर्धारित समय अवधि के भीतर सूचना उपलब्ध कराने की कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी। इस अवसर पर अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व विवेक श्रीवास्तव, अपर जिलाधिकारी भू.अ., नगर मजिस्ट्रेट सहित समस्त विभागों के जन सूचना अधिकारी मौजूद रहे।