- 3 से 4 वर्षों में प्रदेश के 2 करोड़ से अधिक युवाओं को विभिन्न क्षेत्रों में नौकरी व रोजगार की सम्भावनाओं से जोड़ेगी
- इंडस्ट्रीज अपने साथ इंस्टीट्यूशन को जोड़ें और स्थानीय युवाओं के स्किल डेवलपमेंट में योगदान दें
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि भारत दुनिया का सबसे युवा राष्ट्र माना जाता है। देश की यह उपलब्धि उत्तर प्रदेश के साथ जुड़ती है, क्योंकि देश के सबसे ज्यादा युवा उत्तर प्रदेश में हैं। हमारे युवा ऊर्जा और प्रतिभा से भरपूर हैं, जिन्हें एक मंच चाहिए, अपनी उड़ान को आगे बढ़ाने के लिए। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश के युवाओं को आर्थिक रूप से सशक्त व स्वावलम्बन की ओर अग्रसर करने के लिए प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के माध्यम से एक नई उड़ान, एक नई पहचान व मंच दिया है। डबल इंजन की सरकार युवाओं को नौकरी व रोजगार से जोड़ने के लिए प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। मुख्यमंत्री यहां लखनऊ कौशल महोत्सव के समापन अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने पिछले 6 वर्षों में पीएम कौशल विकास योजना, उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन के साथ-साथ श्रम व सेवायोजन के माध्यम से लगभग 16 लाख युवाओं का स्किल डेवलपमेंट किया है और 6 लाख से अधिक युवाओं को नौकरी व रोजगार से जोड़ा है। आने वाले समय में यह कार्यक्रम और तीव्र गति से बढ़ेगा। प्रदेश सरकार का प्रयास है कि इंडस्ट्रीज भी अपने साथ इंस्टीट्यूशन को जोड़ें और स्थानीय युवाओं के स्किल डेवलपमेण्ट में योगदान दें। अब हमारे युवाओं को घर, गांव व जनपद में ही रोजगार व नौकरी प्राप्त होगी। प्रदेश के विकास के लिए हमें अपने युवाओं की ऊर्जा, प्रतिभा व क्षमता का उपयोग करना होगा, ताकि उत्तर प्रदेश, देश की अग्रणी अर्थव्यवस्था बन सके। साथ ही, उत्तर प्रदेश प्रधानमंत्री जी के विजन के अनुरूप देश की अर्थव्यवस्था का ग्रोथ इंजन बन सके। कौशल महोत्सव की इस लक्ष्य में महती भूमिका है।
प्रधानमंत्री के विजन के अनुरूप केन्द्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के नेतृत्व में इस दो दिवसीय कौशल महोत्सव का आयोजन कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय, भारत सरकार के तत्वावधान में राष्ट्रीय कौशल विकास निगम के सहयोग से प्रदेश की राजधानी लखनऊ में किया गया है। इस कौशल महोत्सव में 112 कम्पनियां शामिल हुई हैं, जो इस बात को सिद्ध करती हैं कि उत्तर प्रदेश में पोटेन्शियल है। लखनऊ कौशल महोत्सव में हजारों नौजवानों को नौकरी, रोजगार व अप्रेण्टिसशिप के साथ जोड़ने की कार्यवाही की गई है। यह कार्यक्रम उत्तर प्रदेश के स्केल को स्किल के साथ जोड़ने के एक नए अभियान का हिस्सा है। इण्डस्ट्री और इंस्टीट्यूशन का आपसी समन्वय युवाओं को नया अवसर प्रदान करता है। यह प्रत्येक स्तर पर देखने को मिल सकता है। आज नए-नए अवसर सृजित हो रहे हैं। अभी हाल ही में प्रदेश के व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग और टाटा टेक्नोलॉजीज लिमिटेड (टीटीएल) के मध्य 150 राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) के उन्नयन के लिए एमओए किया गया है। राज्य सरकार उत्तर प्रदेश के स्केल को स्किल डेवलपमेण्ट के साथ जोड़ने का कार्य कर रही है। इस एमओए से इन 150 आईटीआई में अच्छे इन्फ्रास्ट्रक्चर का विकास होगा। इन संस्थानों में दक्ष मैनपावर टीटीएल उपलब्ध कराएगी। इससे हमारे 35,000 युवा आॅन जॉब ट्रेनिंग और अप्रेण्टिसशिप स्कीम के साथ जुड़ेंगे। राज्य सरकार मुख्यमंत्री अप्रेंटिसशिप योजना के लिए कार्य कर रही है। विश्वविद्यालयों, महाविद्यालयों में अध्ययन करने वाले हमारे 7.5 लाख युवाओं को इस योजना का लाभ प्राप्त होगा, जिसके अन्तर्गत आधा मानदेय इण्डस्ट्री देगी और आधा मानदेय राज्य सरकार प्रदान करेगी। इस योजना से जुड़कर हमारे युवा अनुभवी, कार्यकुशल व स्वावलम्बी बनेंगे।
अच्छे इन्फ्रास्ट्रक्चर व बेहतर कानून व्यवस्था के कारण ही उत्तर प्रदेश में देश और दुनिया के निवेशक निवेश के लिए आ रहे हैं। राज्य सरकार आगामी 3 से 4 वर्षों में प्रदेश के 2 करोड़ से अधिक युवाओं को विभिन्न क्षेत्रों में नौकरी व रोजगार की सम्भावनाओं से जोड़ेगी तथा युवाओं के उज्ज्वल भविष्य की दिशा में लगातार कार्य करती रहेगी। परिणामस्वरूप उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था देश की अग्रणी अर्थव्यवस्था के रूप में स्थापित होगी। विगत 20 से 25 वर्षों में दुनिया में तकनीक के कारण जीवनशैली, कार्य संस्कृति व कार्य पद्धति में व्यापक परिवर्तन आए हैं। टेलीविजन, कम्प्यूटर, मोबाइल फोन, 5जी सेवा के उपयोग से दुनिया तेजी से बदली है। तेज बदलती दुनिया के साथ जब समाज चलता है, तो उससे 10 कदम आगे हमारा युवा सोचता है और विकास एक नई ऊँचाई को छूता हुआ दिखायी देता है। तकनीक एवं नवाचार से अनेक अवसर सृजित हुए हैं और नौजवानों की भावनाओं को एक नई पहचान मिली है। साथ ही, युवाओं की नौकरी व रोजगार की सम्भावनाओं में वृद्धि हुई है।
युवा प्रतिभा ने ही 60 के दशक में कम्प्यूटर के उपयोग से दुनिया का परिचय कराया। लोगों को आॅर्गेनिक इण्टेलीजेंस और आर्टीफिशियल इण्टेलीजेंस से अवगत कराया। आॅर्गेनिक इण्टेलीजेंस और आर्टीफिशियल इंटेलीजेंस ने दुनिया को बदलकर रख दिया है। आज दुनिया में इन परिवर्तनों को देखा जा सकता है। विश्वविद्यालयों, महाविद्यालयों, तकनीकी संस्थानों में आर्टीफिशियल इण्टेलीजेंस के क्षेत्र नवाचार हो रहे हैं। नवाचार के लिए एक नई प्रतिस्पर्धा खड़ी हुई है। पूरी दुनिया इस व्यवस्था के साथ आगे बढ़ रही है।
भारत अपनी आजादी के अमृत महोत्सव वर्ष में प्रधानमंत्री के नेतृत्व में जी-20 देशों की अध्यक्षता कर रहा है। जी-20 देशों का दुनिया के सर्वाधिक संसाधनों, व्यवसायों, जीडीपी पर अधिकार तथा पेटेंट पर एकाधिकार है। इन जी-20 देशों की अध्यक्षता हमारा देश कर रहा है। यह भारत की सामर्थ्य व शक्ति को प्रदर्शित करता है। पूर्व प्रधानमंत्री श्रद्धेय श्री अटल बिहारी वाजपेयी ने स्वर्णिम चतुर्भुज योजना, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के माध्यम से और पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम ने विजन-2020 के माध्यम से देश के इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेण्ट की दिशा में अपना उपयोगी मार्गदर्शन देशवासियों को प्रदान किया। उनके कार्य व मार्गदर्शन इस बात को व्यक्त करते हैं कि सामूहिकता की शक्ति से सभी लक्ष्यों को प्राप्त किया जा सकता है। हम सभी को एक स्वर में, एक साथ चलना होगा। महर्षि अरविन्द घोष ने कहा था कि जिस दिन भारत एक स्वर में, एक साथ चलने लग जाएगा, तो दुनिया की कोई ताकत भारत को पराधीन नहीं रख पाएगी। भारत के पास सामर्थ्य और शक्ति है। प्रधानमंत्री के नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में विगत 8 वर्षों में देश में वर्ल्ड क्लास इन्फ्रास्ट्रक्चर का विकास हुआ है। गांवों व शहरों में कनेक्टिविटी बेहतर हुई है। वैश्विक महामारी कोरोना के दौरान कृषि दुनिया का सम्बल बनी। कृषि सेक्टर लोगों के आर्थिक स्वावलम्बन में सहायक हुआ, उसकी आजीविका का आधार भी बना और दुनिया को भुखमरी से बचाने का कार्य किया। यह इसलिए सम्भव हो पाया, क्योंकि गांव-गांव की कनेक्टिविटी बेहतर थी। डबल इंजन की सरकार कृषक उत्पादक संगठन को बेहतर व संगठित रूप से आगे बढ़ाने का कार्य कर रही है। अन्नदाता किसान नई तकनीक व उन्नत बीजों के माध्यम से अपने कार्यों को आगे बढ़ा रहा है। पहले खाद्यान्न अधिक मात्रा में उत्पन्न करने की प्रतिस्पर्धा थी। अब इस प्रतिस्पर्धा को एक स्वस्थ दिशा देने के लिए विषमुक्त खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है। हर एक सेक्टर का अपना महत्व है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार शीघ्र ही प्रदेशवासियों के लिए एक फैमिली आईडी कार्ड जारी करने जा रही है। इस डिजिटल फैमिली कार्ड के अन्तर्गत राज्य सरकार सभी परिवारों की मैपिंग करने जा रही है, जिसके माध्यम से यह देखा जाएगा कि किस परिवार को शासन की कौन सी योजना का लाभ मिला है और किस योजना का लाभ नहीं मिला है। हर जरूरतमन्द को फैमिली आईडी कार्ड के माध्यम से शासन की योजनाओं से जोड़ा जाएगा। इस अवसर पर मुख्यमंत्री कौशल महोत्सव में आए युवाओं से मिले और उन्हें नौकरी व रोजगार से जुड़ने की बधाई देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। कार्यक्रम को श्रम एवं सेवायोजन मंत्री अनिल राजभर, पूर्व उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा, लखनऊ कौशल महोत्सव के संयोजक श्री नीरज सिंह ने भी सम्बोधित किया।