लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि विकास परियोजनाओं में देरी से जनता के धन के अपव्यय के साथ जनहित भी प्रभावित होता है। ऐसे में परियोजनाओं की गुणवत्ता और समयबद्धता पर विशेष ध्यान दिया जाए। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि परियोजना के लिए तय नियमों के अनुरूप धनराशि का आवंटन किया जाता रहे। अनावश्यक विलम्ब करने की प्रवृत्ति का त्याग किया जाए।
मुख्यमंत्री यहां अपने सरकारी आवास पर मंडलवार विभिन्न विकास परियोजनाओं की अद्यतन स्थिति की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने जनहित की विकास परियोजनाओं में अनावश्यक देरी पर कड़ी नाराजगी जताते हुए अधिकारियों को सचेत किया कि जनहित के कार्यों में किसी प्रकार की लापरवाही अक्षम्य है। किसी प्रकार की गड़बड़ी, भ्रष्टाचार अथवा अनावश्यक लेटलतीफी की सूचना मिलने पर सम्बन्धित अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव/सचिव स्तर के अधिकारियों की जवाबदेही तय की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव को सभी 18 मंडलों में संचालित महत्वपूर्ण विकास परियोजनाओं की समीक्षा कर विस्तृत रिपोर्ट उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। उन्होंने अपर मुख्य सचिव वित्त को 5 माह में विभागों को जारी परियोजनावार बजट पर अब तक हुए व्यय का विवरण तथा अवशेष राशि के सम्बन्ध में विस्तृत आख्या तैयार करने के निर्देश भी दिये। उन्होंने कहा कि अगले सप्ताह परियोजनावार कार्यों की पुन: समीक्षा की जायेगी।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राज्य सरकार के पास विकास कार्यों के लिए धन का कोई अभाव नहीं है। इस सम्बन्ध में आवश्यकतानुसार वित्त विभाग तथा मुख्यमंत्री कार्यालय से सम्पर्क किया जा सकता है। उन्होंने विकास परियोजनाओं की शुचिता, पारदर्शिता और गुणवत्ता सुनिश्चित करने पर बल देते हुए कहा कि कार्यदायी संस्था के चयन में स्वस्थ प्रतिस्पर्धा की प्रवृत्ति को प्रोत्साहित करने की आवश्यकता है। परियोजना की महत्ता के अनुरूप केन्द्र की कार्यदायी संस्थाओं को भी अवसर दिया जाना चाहिए। उन्होंने इस सम्बन्ध में मुख्य सचिव को प्रयास करने के निर्देश दिए। उन्होंने शुचिता और पारदर्शिता पर जोर देते हुए कहा कि यह सुनिश्चित किया जाये कि विकास परियोजनाओं के लिए डीपीआर तैयार करने वाली संस्था, परियोजना के क्रियान्वयन/निर्माण आदि की टेंडर प्रक्रिया में प्रतिभाग न करें।
मुख्यमंत्री ने निर्माणाधीन राज्य विश्वविद्यालयों के निर्माण कार्यों की समीक्षा करते हुए कहा कि युवाओं को गुणवत्तापरक उच्च शिक्षा सुलभ कराने के लिए राज्य सरकार अनेक विश्वविद्यालय स्थापित कर रही है। इसके तहत राजा महेंद्र प्रताप सिंह राज्य विश्वविद्यालय, अलीगढ़, महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय, गोरखपुर, मां शाकुम्भरी विश्वविद्यालय, सहारनपुर, महाराजा सुहेलदेव राज्य विश्वविद्यालय, आजमगढ़ जैसी निमार्णाधीन परियोजनाएं प्रदेश के शैक्षिक परिदृश्य में बदलाव लाएंगी। यह प्रोजेक्ट शासन की शीर्ष प्राथमिकताओं में शामिल हैं। इसलिए इन परियोजनाओं के निर्माण कार्य की सतत निगरानी की जाए। कतिपय परियोजनाओं के बजट पुनरीक्षण की मांग का संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री जी ने निर्देशित किया कि किसी भी परियोजना का बजट रिवाइज नहीं किया जाए। परियोजना शुरू करने से पहले सभी बिन्दुओं पर अन्तिम निर्णय लिये जाएं।
मुख्यमंत्री ने निर्देशित किया कि जनपद गाजियाबाद की नगर पालिका परिषद लोनी में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेण्ट प्रोजेक्ट को प्रत्येक दशा में आगामी 15 सितम्बर तक पूर्ण किया जाए। उन्होंने जनपद गाजियाबाद में मंडौला विहार में प्रस्तावित 60 मीटर मास्टर प्लान रोड पर राज्य मार्ग-57 (दिल्ली-सहारनपुर राज्य मार्ग) को पार करने के लिए चार लेन उपरिगामी सेतु के प्रोजेक्ट में आ रही बाधा का संज्ञान लेते हुए स्थायी समाधान के लिए मुख्य सचिव को सेतु निगम के अधिकारियों के साथ बैठक करने के निर्देश भी दिए।