- सिखेड़ा सीएचसी प्रभारी ने भी उठाया तीन क्षय रोगियों का जिम्मा
हापुड़। राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के तहत प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, सिंभावली में एक संक्षिप्त कार्यक्रम के तहत 23 क्षय रोगियों को गोद लिया गया। 20 क्षय रोगियों को सिंभावली शुगर मिल और तीन को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सिखेड़ा के प्रभारी डा. आनंद मणि ने गोद लेकर उनका उपचार जारी रहने तक देखभाल और पोषाहार उपलब्ध कराने का जिम्मा लिया है। सभी को पोष्टिक आहार के पैकेट वितरित किए गए और साथ ही डा. आनंद मणि ने उन्हें बताया कि किसी भी हाल में टीबी पूरी तरह ठीक हो जाने तक दवा न छोड़े। समय से दवा और पोष्टिक आहार लेते रहेंगे तो छह माह में वह पूरी तरह ठीक हो जाएंगे।
इस मौके पर डा. आनंद मणि ने कहा क्षय रोगियों को उच्च प्रोटीन युक्त भोजन करना चाहिए। ऐसा करने से उनके शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बेहतर बनी रहती है और टीबी के संक्रमण से मुक्ति पाने में मदद मिलती है। यदि पोषक भोजन नहीं करेंगे तो रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाएगी और दूसरे संक्रमणों की चपेट में आने का खतरा भी बढ़ जाएगा। सरकार की ओर से चलाई जा रही निक्षय पोषण योजना का भी यहीं उद्देश्य है। योजना के तहत टीबी का उपचार जारी रहने तक सरकार की ओर से रोगी के खाते में हर माह पांच सौ रुपए का भुगतान किया जाता है। कार्यक्रम के दौरान बक्सर के पूर्व प्रधान सोनू गौड़, अमरजीत शर्मा, हरेंद्र कुमार, सतीश पप्पू और राकेश कुमार राणा समेत अन्य लोग शामिल रहे।
क्षय रोगियों को दिया जा रहा पोषाहार
- एक किलो मूंगफली
- एक किलो भुना चना
- एक किलो गुड़
- एक किलो सत्तू
- एक किलो तिल/ गजक
- एक किलो पोषण सप्लीमेंट