देहरादून। यहां गुजराड़ा गांव में चल रहे जनचेतना केन्द्र परिसर में पठन-पाठन कार्यक्रम के अंर्तगत नियमित रूप से आने वाले बच्चों के लिए कड़कती धूप और बरसात से बचने के लिए जो केन्द्र परिसर में डे होम केयर में वृद्ध लोग आते हैं उन्होंने इन बच्चों के लिए अपना विशेष श्रमदान दिया है। पेड़ के तनों व कुछ टहनियों को मिलाकर दो झौपड़ियां बनाई गई हैं। ये हट्स वाटरप्रूफ हैं। इन हट्स पर वाटरप्रूफ तिरपाल डाली गई है और इन हटस में बच्चे जब बारिश आए या तेज धूप लगे तो उसमें जाकर पढ़ सकते हैं। ये श्रमदान गुजराड़ा गांवों के वृद्धजनों ने दिया है और बच्चों ने उन्हें सहयोग किया है। ये हट्स बिल्कुल प्राकृतिक रूप से बनी है। पेड़ों के तनों व टहनियों को मिलाकर इन्हें बनाया गया है। केन्द्र के मुख्य संचालक कमल सेखरी ने उन सभी वरिष्ठ नागरिकों को जो यहां नियमित रूप से लाइब्रेरी में आकर समाचार पत्र पढ़ते हैं और अपना श्रमदान केन्द्र परिसर में देते रहते हैं, उन्होंने बच्चों के लिए इतना बड़ा योगदान दिया है उन सभी का आभार व्यक्त किया है और आशा है कि अब विपरीत परिस्थितियों में भी बच्चे इन हट्स के नीचे बैठकर प्राकृतिक आनंद लेते हुए अपने पठन-पाठन के कार्यक्रम को जारी रखेंगे।