गाजियाबाद। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 152वी जयंती एवं पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के जन्मदिवस के अवसर पर कलेक्ट्रेट में जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह के द्वारा दोनों के चित्र का अनावरण करते हुए पुष्पांजलि भेंट की गई। इस अवसर पर जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह ने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी एवं लाल बहादुर शास्त्री कोई साधारण व्यक्ति नहीं थे। यह दोनों एक विचार हैं, जिसे भारत ही नहीं अपितु पूरे विश्व में गांधी विचारधारा एवं लाल बहादुर शास्त्री का सादा जीवन उच्च विचार का अनुसरण किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि भारतीय स्वतंत्रता की लड़ाई में अंग्रेजों का नारा था कि आपस में तोड़ो और राज करो। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने आजादी की लड़ाई में इसके विपरीत सत्य एवं अहिंसा का मार्ग अपनाते हुए जोड़ों और राज करो के नारे को सार्थक करते हुए भारत को आजादी दिलाने में अहम भूमिका निभाई। महात्मा गांधी एक व्यक्ति नहीं थे अपितु एक विचारधारा थे, जिसे आज भारत ही नहीं उनके सिद्धांतों को पूरे विश्व में अनुसरण किया जा रहा है। इसी प्रकार लाल बहादुर शास्त्री जी भी एक व्यक्ति नहीं विचारधारा थे, जिन्होंने सादा जीवन उच्च विचार को अपने जीवन में अपनाकर पूरे विश्व को संदेश देने का कार्य किया है, जिसे आज पूरा विश्व अनुसरण कर रहा है। आज सभी संकल्प लें और दोनों महान विभूतियों की विचारधारा को अपने जीवन में उतारकर भारत देश को सामाजिक न्याय एवं आर्थिक न्याय की स्वतंत्रता दिलाने का कार्य करें। जिलाधिकारी ने कहा कि आज का दिन प्रेरणा लेने का दिन है। उन्होंने कहा कि हमारे राष्ट्रपिता सत्य और अहिंसा के पुजारी थे जिन्होंने अहिंसक तरीके से आंदोलन चलाकर देश को आजाद कराया, उनकी न केवल अपने ही देश में अपितु विश्व में भी अपनी एक अलग पहचान थी। आज भी कोई भी विदेशी राष्ट्राध्यक्ष जब शपथ लेता है और अपनी स्पीच देता है तो महात्मा गांधी को याद करना नहीं भूलता और उसका यह मानना है कि राष्ट्रपिता ने एक सशक्त हथियार असहयोग के रूप में दिया जिसका आज भी विश्व में कोई तोड़ लोकतंत्र की स्थापना के लिए नहीं है। जिलाधिकारी ने कहा कि दूसरी महान विभूति हमारे लाल बहादुर शास्त्री जी थे जो देश के प्रधानमंत्री थे, जिस समय देश में अन्न क्राइसिस चल रही थी तो उन्होंने नारा दिया जय जवान जय किसान। निसंदेह आज भी यह दोनों चाहे वो किसान हो चाहे जवान दोनों ही हमारे लिए वंदनीय , पूजनीय है।
इस अवसर पर अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व योगेंद्र कुमार ने दोनों महान विभूतियों के जीवन चरित्र एवं आदर्शों को विस्तार से बताते हुए उन पर अनुसरण करने का आह्वान किया।
अधिकारियों-कर्मचारियों को दिलाई स्वच्छता की शपथ
डीएम ने अधिकारियों एवं कर्मचारियों को स्वच्छता शपथ दिलाई गई। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी ने जिस भारत का सपना देखा था उसमें सिर्फ राजनैतिक आजादी ही नहीं थी, बल्कि एक स्वच्छ एवं विकसित देश की कल्पना भी थी। महात्मा गांधी ने गुलामी की जंजीरों को तोड़कर मां भारती को आजाद कराया। अब हमारा कर्त्तव्य है कि गंदगी को दूर करके भारत माता की सेवा करें। मैं शपथ लेता हूँ कि मैं स्वयं स्वच्छता के प्रति सजग रहूँगा और उसके लिये समय दूँगा। हर वर्ष 100 घंटे यानी हर सप्ताह 2 घंटे श्रमदान करके स्वच्छता के इस संकल्प को चरितार्थ करूँगा। मैं न गन्दगी करुँगा न किसी को करने दूँगा। सबसे पहले मैं स्वयं से, मेरे परिवार से, मेरे मुहल्ले से, मेरे गाँव से एवं मेरे कार्य स्थल से शुरूआत करूँगा। मैं मानता हूँ कि दुनिया के जो भी देश स्वच्छ दिखते हैं उसका कारण यह है कि वहाँ के नागरिक गन्दगी नहीं करते और न ही होने देते हैं। इस विचार के साथ मैं गाँव-गॉव और गली-गली स्वच्छ भारत मिशन का प्रचार करूँगा। मैं आज जो शपथ ले रहा हूँ, वह अन्य 100 व्यक्तियों से भी करवाऊँगा। अपर जिलाधिकारी नगर विपिन कुमार, अपर जिलाधिकारी वि. एवं रा. योगेंद्र कुमार सहित अन्य जिला स्तरीय अधिकारी एवं कलेक्ट्रेट स्टाफ उपस्थित रहा। कार्यक्रम का संचालन नाजिर सदर प्रमोद कुमार द्वारा किया गया।