- 21 दिसंबर को हुई बैठक में दिए गए निर्देशों के क्रम में संबंधित विभागों के अधिकारियों ने दी प्रगति रिपोर्ट
- हिंडन व उसकी सहायक नदियों को उनके पुराने स्वरूप में लाने की दिशा में हो रहा है सार्थक प्रयास
- गाजियाबाद में हिंडन रिवर फ्रंट को लेकर तैयारियों को मूर्तरूप देने में लगा है जिला प्रशासन
- मंडलायुक्त के निर्देशन में जिलाधिकारी के कुशल प्रयास से कार्य को पूरा करने में लगे हैं 21 विभाग
गाजियाबाद। हिंडन व उसकी सहायक नदियों को अविरल एवं निर्मल बनाने की दिशा में जिला प्रशासन ने क्रमबद्ध तरीके से कार्य करना प्रारंभ कर दिया हैद्ध इसको लेकर अब तक दो बैठकें भी संबंधित अधिकारियों के साथ हो चुकी हैं। दिसंबर माह में हुई बैठक में हिंडन नदी को अविरल बनाने की दिशा में दिए गए निर्देशों के क्रम में शुक्रवार को फिर से कलेक्ट्रेट के महात्मा गांधी सभागार में समीक्षा बैठक की गई। लगभग 21 विभागों के अधिकारियों ने इस बैठक में भाग लिया और अब तक हुई प्रगति से जिला अधिकारी को अवगत कराया गया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा हिंडन नदी को अविरल बनाने और प्रदूषण मुक्त करने की दिशा में पूर्व में निर्देश जारी किए गए थे। मेरठ मंडल की मंडलायुक्त ने मुख्यमंत्री के निर्देशों के क्रम में गत दिनों हिंडन व उसके आसपास का स्थलीय निरीक्षण किया था। हिंडन नदी के गाजियाबाद में अंतिम छोर तक उन्होंने बाकायदा स्थिति का अवलोकन किया था। मेरठ मंडल की मंडलायुक्त जे शैल्वा कुमारी ने निर्देशित किया था कि हिंडन को अविरल बनाए जाने के लिए कार्ययोजना तैयार कर उन्हें अवगत कराते रहें। इसको लेकर डीएम ने संबंधित विभागों के अधिकारियों से समन्वय बनाकर कार्ययोजना में कार्य शुरू कर रखा है। डीएम की मॉनिटरिंग में विभिन्न विभाग हिंडन नदी को फिर से जीवित करने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। लगभग 21 विभागों के द्वारा इस कार्य में भाग लिया जा रहा है।
गाजियाबाद प्राणदायी हिंडन नदी में पड़ने वाले प्रदूषित जल, इसके आसपास किए गए अतिक्रमण और कैमिकल युक्त पानी डालने वाले उद्योगों को चिन्हित किया गया है। डीएम ने स्पष्ट रूप से निर्देश दिए कि हिंडन नदी को किसी भी हाल में उसके पुराने स्वरूप में लाना है, इस कार्य में कोई बाधा आ रही है तो उसे दूर करने का कार्य किया जाए। उन्होंने कहा कि गाजियाबाद जिले की सीमा में प्रवेश करने और अंतिम छोर तक हिंडन नदी की सफाई से लेकर उसमें अविरल धारा बहने तक के कार्य को प्राथमिकता के आधार पर किया जा रहा है। हिंडन व उसकी सहायक नदियों को अविरल एवं निर्मल बनाने की दिशा में जिन विभागों को जो जिम्मेदारी सौंपी गई है वे उसे ससमय पूर्ण करें।
ध्यान रहे कि 21 दिसंबर 2022 को सीडीओ की अध्यक्षता में इस संबंध में बैठक आयोजित की गई थी। बैठक में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, लघु सिंचाई विभाग, औद्योगिक इकाइयों व यूपी सीडा को निर्देशित किया गया था कि हिंडन नदी को प्रदूषण मुक्त करने के लिए विशेष प्रयास किए जाएं। नदी में गिरने वाले औद्योगिक कचरे को रोकने के लिए उद्योगों की मैपिंग कर जीरो डिस्चार्ज की दिशा में कार्य किया जाए। हिंडन नदी के आसपास 222 औद्योगिक इकाइयां स्थापित हैं, ऐसे में इन इकाइयों में ईटीपी, सीईटीपी की व्यवस्था को जांचा जाए और ट्रीट पानी ही नदी में डाला जाए, ऐसा प्राथमिकता पर कार्य हो। 64 औद्योगिक इकाइयां ऐसी चिन्हित की गई थी जो बिना ट्रीट किए पानी का प्रवाह नदी में कर रही थीं, उन्हें नोटिस देने के निर्देश दिए गए थे। समीक्षा बैठक में डीएम ने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों को निर्देशित किया चिहिन्त फैक्ट्रियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। पिछली बैठक में नगर निगम, जीडीए आवास विकास व जिला पंचायत राज विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया गया था कि वे नगरी सीवरेज, ठोस अपशिष्ट की रोकथाम को लेकर कार्ययोजना तैयार करें। नगर निगम व नगर निकायों द्वारा निर्मित नालों का प्रबंधन इस प्रकार से किया जाए कि उनकी गंदा पानी व अपशिष्ट नदी में न जाने पाए। समीक्षा बैठक में उक्त विभागों द्वारा डीएम को को अवगत कराया गया कि उन्होंने इस दिशा में तेज गति से कार्य करना शुरू कर रखा है।
डीएम ने समस्त उप जिलाधिकारियों को निर्देशित किया कि हिंडन नदी का ग्रामवार, गाटावार, क्षेत्रफलवार तथा नदी की भूमि पर किए गए अतिक्रमण को चिन्हित करते हुए शिजरा सीट तैयार की जाए। इस अवसर पर नगर आयुक्त डॉ नितिन गौड़, मुख्य विकास अधिकारी विक्रमादित्य सिंह मलिक, उप जिलाधिकारी सदर विनय सिंह, परियोजना निदेशक डीआरडीए पीएन दीक्षित, जिला अर्थ एवं संख्या अधिकारी पुष्पलता, समस्त तहसीलदार आदि मौजूद रहे।