- नोडल अधिकारी ने शासन को भेजी नगरीय क्षेत्र के कर्मचारियों की सूची
- एलटी, स्टाफ नर्स और फार्मासिस्ट भी बनाएंगे आयुष्मान कार्ड
गाजियाबाद। आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के लाभार्थियों के आयुष्मान कार्ड बनाने के लिए स्वास्थ्य विभाग कोई कसर बाकी नहीं छोड़ना चाहता। विभाग का प्रयास है कि शत-प्रतिशत लाभार्थियों के पास आयुष्मान कार्ड हो। ग्रामीण क्षेत्र में जहां सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों को आयुष्मान कार्ड बनाने की जिम्मेदारी दी गई है वहीं नगरीय क्षेत्र में अब लैब टैक्नीशियन (एलटी), स्टाफ नर्स और फार्मासिस्ट की भी आईडी बनवाने की तैयारी है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डा. भवतोष शंखधर ने बताया कि शत-प्रतिशत लाभार्थियों के आयुष्मान कार्ड बनाने के निर्देश दिए गए हैं ताकि जरूरत पड़ने पर लाभार्थी योजना का लाभ उठा सकें। आयुष्मान भारत योजना और नगरीय क्षेत्र के नोडल अधिकारी डा. राकेश कुमार गुप्ता ने बताया कि नगरीय क्षेत्र में लाभार्थी यदि अपना आयुष्मान कार्ड बनवाने किसी भी नगरीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर पहुंचता है तो उसे बैरंग न लौटना पड़े, ऐसी व्यवस्था करने का प्रयास है। इसके लिए 100 और कर्मचारियों की सूची स्टेट को भेजी गई है। इनमें नगरीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर तैनात एलटी, स्टाफ नर्स और फार्मासिस्ट शामिल हैं। अभी तक नगरीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के केवल प्रभारी इस कार्य के लिए अधिकृत हैं, लेकिन आईडी बनने के बाद प्रभारी की गैर मौजूदगी में एलटी, स्टाफ नर्स और फार्मासिस्ट भी बीआईएस-दो पोर्टल पर आयुष्मान कार्ड बना सकेंगे।
डा. गुप्ता ने बताया कि जनपद में अभी तक 2.07 लाख से अधिक लाभार्थियों के आयुष्मान कार्ड बने हैं। जनपद में कुल लाभार्थियों की 7.74 लाख है। उन्होंने बताया आयुष्मान भारत योजना के लाभार्थी परिवार के हर सदस्य का आयुष्मान कार्ड होना आवश्यक है, कार्ड के अभाव में लाभार्थी योजना का लाभ नहीं उठा सकेगा। बता दें कि योजना के तहत आबद्ध निजी और सरकारी चिकित्सालय में हर लाभार्थी परिवार को हर वर्ष पांच लाख रुपए तक का उपचार प्रदान करने का प्रावधान है। आयुष्मान कार्ड बनवाने के लिए नजदीकी जन सुविधा केंद्र पर भी संपर्क किया जा सकता है। आयुष्मान कार्ड बनवाने के लिए कहीं भी कोई शुल्क नहीं देना है।