गाजियाबाद। सद्गुरु सेवा समिति एवं युवा विकास प्रयास समिति के संस्थापक सिकंदर यादव द्वारा साहेब कबीर के 624 वें प्रकट दिवस पर भंडारे का आयोजन किया गया। इस दौरान सिकंदर यादव ने बताया कि समाज सुधार के क्षेत्र में साहेब कबीर दास का नाम सर्वोपरी है। संत कबीरदास की प्रसिद्ध रचनाओं में बीजक, सखी ग्रंथ, कबीर ग्रंथावली और अनुराग सागर शामिल हैं। कबीरदास की रचनाएं इतनी ज्यादा प्रभावशाली हैं कि इनका गुणगान भारत ही नहीं बल्कि विदेशों में भी किया जाता है। इनकी रचनाओं से आकर्षित होकर विदेशी लोग भी इसमें रम गए हैं। कबीरदास के कार्यों की पहचान उनके दो पंक्तियों के दोहे से है जिन्हें कबीर के दोहे के नाम से जाना जाता है।
उन्होंने बताया कि संत कबीर के दोहे हमें प्रेरणा देते हैं और साथ ही अज्ञानता के अंधकार से निकालकर ज्ञान के प्रकाश की ओर ले जाने का काम करते हैं। आज भी इनकी वाणी अमृत के समान है जो व्यक्ति को नया जीवन देने का काम कर रही है। कबीरदास की हर रचनाओं का प्रयास यही था की लोग उनकी रचनाओं से अपने अंदर प्रेम, सद्भाव और एकता कायम करें।