- मिशन के अन्तर्गत दुग्ध उत्पादकों को गांव में ही उचित मूल्य पर दूध बेचने की मिलेगी सुविधा
- राज्य स्तरीय समिति में डेयरी सेक्टर के विषय विशेषज्ञों व प्राइवेट डेयरी के प्रतिनिधियों को भी जोड़ा जाये
- स्वयं सहायता समूहों को विभिन्न योजनाओं में प्रोत्साहित व प्रशिक्षण देते हुये साइलेज व हे मेकिंग से जोड़ा जाये
लखनऊ। मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र की अध्यक्षता में नन्द बाबा दुग्ध मिशन की स्टेट स्टीयरिंग कमेटी की प्रथम बैठक आयोजित हुई।
बैठक में मुख्य सचिव ने नन्द बाबा दुग्ध मिशन के अंतर्गत मुख्यमंत्री स्वदेशी गौ-संवर्धन योजना, मुख्यमंत्री प्रगतिशील पशुपालक प्रोत्साहन योजना एवं नन्दिनी कृषक समृद्धि योजना को अनुमोदन प्रदान किया गया। इसके अतिरिक्त मिशन के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2023-24 में प्रदेश के 621 विकास खण्डों में एक-एक उच्च तकनीकी की नई दुग्ध उत्पादक सहकारी समिति गठित करने का निर्णय लिया गया। प्रदेश में नस्ल सुधार हेतु मुख्यमंत्री स्वदेशी गौ-संवर्धन योजना के अंतर्गत अन्य प्रदेशों से उन्नत नस्ल की स्वदेशी गायों (गिर, साहीवाल, थारपारकर एवं हरियाणा प्रजाति) के क्रय पर अधिकतम 40,000 रुपये तक का अनुदान प्रदान किया जायेगा। एक दुग्ध उत्पादक अधिकतम 2 गायों की एक पशुपालन इकाई के लिए पात्र होगा। मुख्यमंत्री प्रगतिशील पशुपालक प्रोत्साहन योजना के अन्तर्गत स्वदेशी नस्ल (गिर, साहीवाल, थारपारकर, हरियाणा एवं गंगातीरी) प्रगतिशील गौपालकों को निर्धारित स्लैब के मानक के अनुसार 10 से 15 हजार की प्रोत्साहन राशि डीबीटी के माध्यम से प्रदान की जायेगी। योजना में प्रगतिशील महिला गौपालकों को प्राथमिकता प्रदान की जायेगी। इससे प्रदेश में दुग्ध उत्पादकों के गौ-वंशीय पशुओं में नस्ल सुधार होगा। नन्दिनी कृषक समृद्धि योजना के तहत गौवंशीय पशुओं में नस्ल सुधार एवं दुग्ध उत्पादकता में वृद्धि हेतु 25 गायों की डेयरी स्थापित करने पर अधिकतम 31.25 लाख रुपये प्रति इकाई अनुदान प्रदान किया जायेगा। मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश में डेयरी सेक्टर में नवीन उद्योगों में निवेश की अपार सम्भावनायें हैं। ग्रामीण क्षेत्र में दुग्ध व्यवसाय अतिरिक्त आय का एक प्रमुख साधन है। प्रदेश को दुग्ध उत्पादन में अग्रणी बनाये रखने के लिये 1000 करोड़ रुपये की लागत से नन्द बाबा दुग्ध मिशन की शुरूआत की गई है। मिशन के अन्तर्गत दुग्ध सहकारी समितियों द्वारा दुग्ध उत्पादकों को गांव में ही उनके दूध को उचित मूल्य पर विक्रय की सुविधा उपलब्ध करायी जाये। उन्होंने मिशन समिति में दान देने वाले व्यक्तियों को आयकर में 80जी के तहत छूट प्रदान करने के भी निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि प्रदेश स्तर पर सहकारी व निजी क्षेत्र सहित सभी दुग्ध उत्पादकों, गौपालकों, पशुपालकों का एक वृहद डेटाबेस तैयार कराया जाये और उन्हें पोर्टल से जोड़ते हुये यूनीक आईडी दी जाये, ताकि यूनिक आईडी के माध्यम से उन्हें योजनाओं का सीधे लाभ दिया जा सके। स्वयं सहायता समूहों को विभिन्न योजनाओं में प्रोत्साहित व प्रशिक्षण देते हुये साइलेज व हे मेकिंग से जोड़ा जाये।
उन्होंने कहा कि नन्द बाबा दुग्ध मिशन के अन्तर्गत विभिन्न गतिविधियों के संचालन एवं अनुश्रवण के लिय जनपद स्तर पर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में समिति गठित की जाये। राज्य स्तरीय समिति में डेयरी सेक्टर के विषय विशेषज्ञों व प्राइवेट डेयरी के प्रतिनिधियों को भी जोड़ा जाये। मिशन के अन्तर्गत दुग्ध उत्पादकों, गौ-पालकों के लिये गौवंशीय पशु रोग, स्वास्थ्य परीक्षण किट एवं प्रजनन टेस्ट किट, दुग्घ अपमिश्रण टेस्टिंग किट भी प्रदान की जायें। इसके अलावा दुग्ध उत्पादक कृषकों को साइलेज, हे, टोटल मिक्सड राशन (टीएमआर) मेकिंग के लिये अनुदान व प्रोत्साहन दिया जाये। अपर मुख्य सचिव पशुधन एवं दुग्ध विकास विभाग डॉ. रजनीश दुबे ने कहा कि डेयरी सेक्टर में निवेश की अपार संभावनाओं को दृष्टिग रखते हुये डेयरी सेक्टर के समस्त हित धारकों के लिए अधिकाधिक लाभ सुनिश्चित कराने के उद्देश्य से उत्तर प्रदेश दुग्धशाला विकास एवं दुग्ध उत्पादन प्रोत्साहन नीति-2022 प्रख्यापित की गई है। इस नीति के क्रियान्वयन में नन्द बाबा दुग्ध मिशन की मुख्य भूमिका रहेगी। इस अवसर पर दुग्ध आयुक्त एवं मिशन निदेशक शशि भूषण लाल सुशील द्वारा नन्द बाबा दुग्ध मिशन के सम्बन्ध में विस्तार से जानकारी दी गयी। उन्होंने बताया कि नन्द बाबा दुग्ध मिशन के तहत ह्यगौ से ग्राहक तक दुग्ध मूल्य श्रृंखला में संवर्धन करके नई श्वेत क्रांति लायी जायेगी। नन्दिनी कृषक समृद्धि योजना द्वारा गौ-पालकों को 25 स्वदेशी उन्नतशील गाय उपलब्ध करायी जायेगी, जिससे दुग्ध उत्पादन में बढ़ोत्तरी होगी और राज्य सरकार के संकल्प पत्र की परिकल्पना साकार होगी। इस अवसर पर मुख्य सचिव को नन्द बाबा का प्रतीक चिन्ह व मिशन का लोगो भेंट किया गया। बैठक में सम्बन्धित विभाग के वरिष्ठ अधिकारी आदि उपस्थित थे।