गाजियाबाद। ट्रांस हिंडन में महिलाओं में अनीमिया से बचाव के लिए एक दिवसीय जागरूकता कार्यक्रम एवं जन संवाद का आयोजन हुआ। इस कार्यक्रम का आयोजन कौशाम्बी स्थित रेडिसन ब्लू टावर में किया गया। कार्यक्रम का शुभारम्भ आईएएस संतोष कुमार यादव ने दीप जलाकर किया। इस अवसर पर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के नेशनल प्रेसिडेंट डा. हृषिकेश डीपाई, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. भावतोष शंखधर, यशोदा हॉस्पिटल कौशांबी की निदेशिका डा. उपासना अरोड़ा, एम्स के प्रोफेसर डा.जेबी शर्मा विशिष्ट अतिथि थे। फोग्सी के नॉर्थ जोन की वाइस प्रेसिडेंट डा. यशोधरा प्रदीप एवं डा. अल्का पाण्डेय के साथ-साथ डा. प्रियाँकु राय चेयरपर्सन फोग्सी अवेयरनेस कमिटी एवं डा. आशीष मुखोपाध्याय, कोलकाता ने पैनल डिस्कशन में अध्यक्षता की। इस कार्यक्रम का आयोजन फोग्सी द्वारा संचालित नारी स्वास्थ्य जन आंदोलन यात्रा अनीमिया नेशनल राइड के गाजिÞयाबाद पहुंचने के अवसर पर किया गया।
आईएएस संतोष कुमार ने कहा कि वह इस यात्रा से प्रेरित होकर स्कूलों में भी अनीमिया जांच अभियान की शुरूआत करना चाहते हैं और यह एक बहुत ही सराहनीय प्रयास है। डॉक्टरों ने पैनल डिस्कशन एवं जागरूकता कार्यक्रम के दौरान महिलाओं में अनीमिया से बचाव के लिए चर्चा करते हुए बताया कि खाने के साथ दही लेने से शरीर में आयरन का एब्जोर्प्शन कम हो जाता है। भारत में खाने में अनाजों एवं चावल का प्रयोग बहुतायात में होता है और यह भी शरीर में आयरन के कम एब्जोर्प्शन की एक बड़ी वजह है। आगे चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि हरी सब्जियों को ज्यादा भूनने, तलने से भी उनके अंदर मौजूद आयरन खत्म हो जाता है। डॉक्टरों ने कहा कि चाय एवं कॉफी के ज्यादा सेवन से आयरन का शरीर में 20 प्रतिशत तक कम एब्जोर्प्शन होता है और ऐसी बहुत ही सामान्य जानकारी से आयरन के क्षय को रोका जा सकता है। उन्होंने डॉक्टरों को बताया कि कैल्शियम एवं आयरन कि गोली साथ साथ खिलने से भी आयरन का शरीर में 20 प्रतिशत तक कम एब्जोर्प्शन होता है। बच्चों को हम सबसे पौष्टिक आहार समझ दूध खूब पिलाते हैं जिसकी वजह से भी बच्चों में आयरन कम पाया जाता है क्योकि दूध में आयरन मौजूद नहीं होता और ऐसे में बच्चों को एनीमिया का सामना करना पड़ता है। डॉक्टरों ने महिलाओं को आयरन युक्त पौष्टिक खाना जैसे हरी सब्जियां, मेवे, आयरन फोर्टिफाइड फूड, लौकी, ब्रोकली, गाजर और चुकंदर जैसी चीजों को खाने पर जोर दिया । उन्होंने कहा कि यदि महिलाओं को अधिक खून की कमी होती है तो उन्हें गोलियों के रूप में आयरन लेने की जरूरत होती है। कार्यक्रम में डा. शारदा जैन, खोड़ा मकनपुर आॅब्स एन्ड गायनी सोसाइटी की डॉक्टरों एवं ट्रांस हिंडन गयानी फोरम की स्त्री रोग विशेषज्ञों डा. गुंजन गुप्ता, डा. सोमना गोयल, डा. दीपा, डा. शालिनी अग्रवाल, डा. गरिमा त्यागी, डा. वंदना जैन को अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया।