लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा प्रदेश के 17 शहरों को स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित किया जा रहा है। प्रदेश के सभी नगर निकाय स्मार्ट सिटी के रूप में अपने आपको स्थापित कर सकते हैं। नगर विकास विभाग व गृह विभाग मिलकर अगले 6 माह में 17 नगर निगम व गौतमबुद्धनगर को सेफ सिटी के रूप में विकसित करने का कार्य करें।
मुख्यमंत्री यहां इन्दिरा गांधी प्रतिष्ठान में नवनिर्वाचित नगर निगमों के महापौर, नगर पालिका परिषदों व नगर पंचायतों के अध्यक्षों की एक दिवसीय कार्यशाला में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने सभी नवनिर्वाचित महापौर व अध्यक्षों को उनके सफल निर्वाचन की बधाई देते हुए कहा कि प्रदेश सरकार व अन्य व्यवसायिक संस्थान मिलकर शहर में सीसीटीवी लगाने का कार्य करें। इससे शहरों की सुरक्षा में वृद्धि होगी। निजी संस्थान अपने कार्य स्थल में सीसीटीवी लगाएं और इसका लिंक आईसीसीसी व आईटीएमएस से करें। हर नगर निकाय के पास एक आईसीसीसी होना चाहिए। आईसीसीसी के माध्यम से ट्रैफिक मैनेजमेंट व सेफ सिटी के कार्य को पूरा करते हुए एक वर्ष में सभी 75 जनपदों में कम से कम 75 नगर निकायों को सेफ सिटी के रूप में घोषित करें। नवनिर्वाचित जनप्रतिनिधि नेतृत्व प्रदान करते हुए इन कार्यों को सम्पन्न करें। हमारे शहरों में महिलाओं की सुरक्षा के लिए विशेष प्रबन्ध किए जाएं। पिंक टॉयलेट, महिला हेल्प डेस्क सहित अन्य बेहतरीन व्यवस्थाएं महिलाओं के लिए सुनिश्चित की जाएं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वच्छता, शुद्ध पेयजल, अच्छी सड़कें, सेफ सिटी के कार्य, आत्मनिर्भरता की दिशा में जैसे 5 से 7 पैरामीटर्स तय कर नगर निकायों को स्वस्थ प्रतिस्पर्धा के साथ जोड़कर उनके नम्बर तय करें। नम्बर 1 में आने वाले नगर निकाय अगले 2 वर्ष बाद ही नम्बर 1 की प्रतिस्पर्धा में शामिल होंगे। लेकिन नम्बर 1 में आने वाले नगर निकाय को अपनी तत्परता बनाए रखनी होगी, अन्यथा उसकी माइनस मार्किंग भी होगी। प्रदेश सरकार जनपद स्तर पर इन पैरामीटर्स में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर प्रथम स्थान प्राप्त करने वाली नगर पंचायत को 1 करोड़ रुपये वर्ष में अतिरिक्त देगी। इसी प्रकार मंडल स्तर पर सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर प्रथम स्थान पर आने वाली नगर पालिका परिषद को 2 करोड़ रुपये अतिरिक्त तथा राज्य स्तर पर इन पैरामीटर्स में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर प्रथम स्थान पर आने वाले नगर निगम को 10 करोड़ रुपये अतिरिक्त रूप में दिए जाएंगे। साथ ही, प्रदेश सरकार द्वारा एक समारोह में इन नगर निकायों के महापौर, अध्यक्षों, नगर आयुक्त व अधिशासी अधिकारियों को सम्मानित भी किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नवगठित नगर निकायों एवं नगर निकायों में शामिल किये गये नये क्षेत्रों में विकास कार्यों के लिए प्रदेश सरकार ने बजट की व्यवस्था की है। इन नये नगरीय क्षेत्रों में समग्र विकास की दृष्टि से विकास कार्य सम्पन्न किये जाएं। नगर निकायों की भूमि में कहीं भी अवैध कब्जे न होने पाएं। इस प्रकार की भूमि में गरीबों के लिए आवास बनाये जाएं, टैक्सी स्टैंड बनाने, स्ट्रीट वेंडर्स के पुनर्वास जैसे विकास कार्य किए जाएं। नगर निकाय इन भूमि का उपयोग वाणिज्यिक/व्यावसायिक दृष्टिकोण से मल्टीलेवल पार्किंग इत्यादि बनाने में करें, जिससे लोगों को सुविधाएं तो प्राप्त होंगी, साथ ही नगर निकायों की आय भी बढ़ेगी। नगर निकाय अच्छी कार्ययोजना बनाकर इस अतिरिक्त आय का उपयोग विभिन्न विकास कार्यां में कर सकेंगे।
नगर निगम, नगर पालिका परिषद व नगर पंचायतें आत्मनिर्भर बनें
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि नगरीय निकायों को आत्मनिर्भर व विकसित बनाने के लिए टीमवर्क के माध्यम से कार्यों को क्रियान्वित करना होगा। नगर विकास विभाग संवाद बनाते हुए कार्मिकों के मनोबल को बढ़ाएं तथा विभाग यह सुनिश्चित करे कि स्वच्छताकर्मियों को शासन द्वारा निर्धारित मानदेय अवश्य प्राप्त हो। नगर विकास विभाग स्वच्छ भारत मिशन के अन्तर्गत हर नगर को स्वच्छ और स्वस्थ प्रतिस्पर्धा के साथ जोड़े। मुख्यमंत्री ने कहा कि महत्वपूर्ण यह नहीं होता कि आपने कितने समय तक कार्य किया, महत्वपूर्ण यह होता है कि आपने अपने कार्यकाल में कितना कार्य किया है। प्रदेश की जनता-जनार्दन ने नवनिर्वाचित जनप्रतिनिधियों को सेवा का मौका दिया है। इसलिए सभी नवनिर्वाचित जनप्रतिनिधि पूरी प्रतिभा, लगन, मजबूती व ऊर्जा के साथ नगरों के विकास, अवस्थापना, सुरक्षा व साफ-सफाई के कार्य बेहतर ढंग से सम्पादित करें तथा प्रदेश के नगरीय जीवन को सरल, सुगम, स्वस्थ एवं प्रगतिशील बनाएं। नगरीय जीवन अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने व आत्मनिर्भरता के लक्ष्य को प्राप्त करने का माध्यम है।
इस कार्यशाला में सभी नवनिर्वाचित जनप्रतिनिधियों को बहुत कुछ सीखने, समझने व आपस में संवाद बनाने का मौका मिला है। अपने क्षेत्र में अच्छे विकास कार्यों व नवाचार को प्रोत्साहित करें। अच्छा कार्य करने वाले वॉर्डों को अतिरिक्त इन्सेन्टिव प्रदान करें। स्वस्थ प्रतिस्पर्धा व बिना भेदभाव के आमजन के कल्याण व विकास के कार्यों को आगे बढ़ाएं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मंशा के अनुरूप हम सभी प्रदेश के नगरीय निकायों को आदर्श नगर निकायों के रूप में स्थापित करने में सफल होंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि देश के सबसे बड़ी आबादी के राज्य उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक नगर निकाय हैं। प्रदेश में कुल 762 नगरीय निकाय हैं, जिनमें 17 नगर निगम, 200 नगर पालिका परिषदें व 545 नगर पंचायतें शामिल हैं। इन सभी 762 नगरीय निकायों में 2 चरणों में निष्पक्ष व शांतिपूर्ण ढंग से 35 दिन से कम समय में सफलतापूर्वक चुनाव सम्पन्न हुए। इसके लिए उन्होंने प्रशासन, उत्तर प्रदेश पुलिस व नगर विकास विभाग को बधाई दी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के यशस्वी नेतृत्व में नये भारत का निर्माण हो रहा है। हम सभी को इस नये भारत के निर्माण में अपनी सहभागिता निभानी होगी। केन्द्र सरकार द्वारा विगत 9 वर्षों से नगरीय जीवन के कायाकल्प के लिए विभिन्न विकास योजनाएं संचालित की जा रही हैं, जिनसे शहरों में व्यापक सकारात्मक परिवर्तन दिखायी दे रहा है। स्वच्छ भारत मिशन, स्मार्ट सिटी मिशन, अमृत योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी), पीएम स्वनिधि योजना, उजाला योजना, हर घर नल योजना द्वारा शुद्ध पेयजल, सिंगल यूज प्लास्टिक बैन जैसे विभिन्न कार्यक्रमों/योजनाओं द्वारा नगरीय क्षेत्र में विकास के कार्य किए जा रहे हैं। प्रदेश में वर्तमान में 54 लाख गरीबों को प्रधानमंत्री आवास प्रदान किए जा चुके हैं, जिनमें साढ़े 17 लाख आवास शहरी क्षेत्र के गरीब व्यक्तियों को प्रदान किए गए हैं। वहीं पीएम स्वनिधि योजना के अन्तर्गत लगभग 12 लाख स्ट्रीट वेंडर्स को बैंक द्वारा ब्याज मुक्त ऋण उपलब्ध कराया गया है। हर घर नल योजना द्वारा घरों को शुद्ध पेयजल की आपूर्ति की जा रही है। हर घर नल योजना के संदर्भ में प्रत्येक नगर अपनी कार्ययोजना तैयार करे तथा यूजर चार्ज के साथ जल संसाधन के संरक्षण व प्रबन्धन के लिए मिलकर कार्य करें।
मुख्यमंत्री ने शहरों में नियमित व समय से साफ-सफाई व कूड़ा प्रबन्धन के क्षेत्र में किए जा रहे कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि अपने नगर को स्वच्छ रखने की जिम्मेदारी हम सबकी है। उन्होंने नवनिर्वाचित जनप्रतिनिधियों से नगर को साफ-सुथरा रखने को पहली प्राथमिकता देने को कहा। सभी महापौर, नगर पालिका परिषद व नगर पंचायतों के अध्यक्षगण अपने क्षेत्र के प्रत्येक वॉर्ड व मोहल्ले में स्वच्छता समिति गठित करें। इस स्वच्छता समिति की नियमित रूप से बैठकें की जाएं तथा स्वच्छता सम्बन्धी कार्यों की नियमित रूप से समीक्षा भी की जाए।
2017 से पहले नहीं जलती थीं स्ट्रीट लाइट
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2017 से पूर्व शहर की स्ट्रीट लाइटें या तो जलती नहीं थीं या बेतरतीब थीं। वर्ष 2017 के बाद प्रदेश सरकार ने शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में एक समान रंग की एलईडी स्ट्रीट लाइटें स्थापित करायीं। पहले स्ट्रीट लाइट में हैलोजन का प्रयोग होता था, जो अत्यधिक कार्बन उत्सर्जित कर प्रदूषण को बढ़ाती थीं। इन एलईडी स्ट्रीट लाइटों के लगने से कार्बन उत्सर्जन और प्रदूषण में कमी के साथ बिजली की खपत में भी कमी आयी है। शहरों में एलईडी स्ट्रीट लाइट के लगाने में नगर विकास विभाग को धन खर्च नहीं करना पड़ा और 5 वर्ष तक इन एलईडी स्ट्रीट लाइट्स के रख-रखाव की जिम्मेदारी कार्यदायी संस्थाओं को दी। बिजली की बचत से इन कार्यदायी संस्थाओं को धन दिया गया। प्रदेश के सभी शहरों में शाम होते ही स्ट्रीट लाइटें नियमित रूप से जलें। पर्व व त्यौहारों पर सार्वजनिक स्थानों पर लाइटिंग के माध्यम से सजावट की जाए।
मुख्यमंत्री जी ने सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि बरसात से पूर्व सभी शहरों के नाले व नालियों की साफ-सफाई सुनिश्चित करा ली जाए। शहरों में नियमित रूप से फॉगिंग व अन्य रोगाणुनाशक का छिड़काव किया जाए। शहर में टहल रहे निराश्रित गोवंश व आवारा पशुओं को संरक्षित किया जाए। बेसहारा व आश्रयहीन श्रमिकों/लोगों के लिए हर नगर निकाय में रैन बसेरों को संचालित किया जाए। इन रैन बसेरों में स्त्री-पुरुष के लिए अलग-अलग रहने की व्यवस्था के साथ सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जाएं। बीमार व्यक्तियों व बुजुर्गों की चिकित्सा के समुचित प्रबन्ध किए जाएं। दिव्यांगजन को शासन की योजनाओं से लाभान्वित किया जाए। इससे पूर्व, मुख्यमंत्री जी ने नगर विकास विभाग की लिगेसी वेस्ट प्रबन्धन टूलकिट पुस्तिका का विमोचन किया। कार्यशाला को नगर विकास मंत्री श्री अरविन्द कुमार शर्मा व नगर विकास राज्य मंत्री श्री राकेश राठौर गुरू ने भी सम्बोधित किया। इस अवसर पर नगर निगमों के नवनिर्वाचित महापौर, नगर पालिका परिषदों व नगर पंचायतों के अध्यक्षगण, मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री, गृह एवं सूचना संजय प्रसाद, प्रमुख सचिव नगर विकास अमृत अभिजात, सचिव नगर विकास रंजन कुमार, नगर आयुक्त व अधिशासी अधिकारी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।