- सीएम योगी से मिलकर की जाएगी सार्वजनिक अवकाश की मांग
- परशुराम की प्रतिमाएं की जाएंगी स्थापित
गाजियाबाद। अखिल भारतीय परशुराम सेवा दल की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की एक बैठक पं. मदन मोहन मालवीय पब्लिक स्कूल पाइपलाइन रोड मुरादनगर में सम्पन्न हुई। बैठक की अध्यक्षता राष्ट्रीय अध्यक्ष पं. विनोद मिश्रा ने की तथा संचालन राष्ट्रीय संगठन मन्त्री पं. प्रमोद कौशिक ने किया। बैठक में कई प्रान्तों के अध्यक्ष एवं प्रभारी तथा राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्यों ने परशुराम जयन्ती धूमधाम से मनाने पर अपने -अपने विचार रखे। राष्ट्रीय अध्यक्ष पं. विनोद मिश्रा ने कहा कि गत वर्षों से कोरोना संक्रमण की वजह से परशुराम जयन्ती सभी धर्म प्रेमियों ने घरों पर ही मनाई थी। इस बार निर्णय लिया गया है कि भगवान परशुराम जयन्ती अक्षय तृतीया 3 मई दिन मंगलवार को देश में धूमधाम से मनायी जाएगी। यह जयन्ती समारोह 30 मई तक चलेगा जिसमें यज्ञ, शोभायात्रा, सम्मेलन आदि के आयोजन भव्यता के साथ पूरे भारत वर्ष में किए जायेंगे। जिसमें प्राणिमात्र के कल्याण राष्ट्र की उन्नति प्राणियों में सदभावना आदि की कामना की जाएगी। पं. विनोद मिश्रा ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक से माग की है कि प्रदेश में भगवान परशुराम जयन्ती पर जो सार्वजनिक अवकाश चला आ रहा था उसे सरकार ने बन्द कर दिया था, उस अवकाश को पुन: बहाल किया जाए। राष्ट्रीय अध्यक्ष पं विनोद मिश्रा ने प्रदेश अध्यक्ष के नेतृत्त्व में पांच सदस्य कमेटी का गठन किया है जो लखनऊ जाकर मुख्यमंत्री एवं उपमुख्यमंत्री को ज्ञापन देकर ब्राह्मणों की भावनाओं से अवगत कराते हुए 3 मई 2022 अक्षय तृतीया को भगवान परशुराम जयन्ती पर सार्वजनिक अवकाश की घोषणा की जाए। विनोद मिश्रा ने बताया कि भगवान परशुराम का जन्म सतयुग में वैशाख मास के शुक्ल पक्ष तृतीया तिथि (अक्षय तृतीया) में पुनर्वसु नाम के नक्षत्र में रात्रि के प्रथम पहर में हुआ था। भगवान विष्णु के परशुराम के रूप में अक्षय तृतीया तिथि को जन्म लेने के कारण इस तिथि को भगवान परशुराम तिथि भी कहते हैं तथा भगवान विष्णु के छठें अवतार के रूप में भी जाने जाते हैं। भगवान परशुराम सप्त चिरंजीवियों अश्वत्थामा, बलि व्यास, हनुमान, विभीषण, कृपाचार्य व परशुराम में से एक हैं। अत: इस तिथि को चिरंजीवी तिथि भी कहते हैं। यह तिथि सर्वसिद्ध मुहूर्त के रूप में भी जानी जाती है। इसलिए इस दिन कोई भी पंचांग देखे बिना शुभ व मांगलिक कार्य जैसे विवाह, गृहप्रवेश, भूमि, भवन, वाहन, अस्त्र-शस्त्र एवं वस्त्राभूषण आदि का कार्य आदि कर सकते हैं। यह निश्चय ही फलदायी होगा। बैठक में राष्ट्रीय संरक्षक प्राणनाथ शर्मा, दिल्ली प्रदेश प्रभारी राजकुमार शर्मा, उत्तर प्रदेश अध्यक्ष सजंय शर्मा अलीगढ़, मध्य प्रदेश अध्यक्ष अशोक शर्मा ग्वालियर, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सुबोध शर्मा मुजफ्फरनगर, ओमकार दत्त शर्मा प्रदेश महामन्त्री, महेंद्र कुमार एडवोकेट राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य, उत्तराखंड प्रभारी ओमप्रकाश भट्ट हरिद्वार, राकेश शर्मा गाजियाबाद, विजय गौड एडवोकेट, जगदीश शर्मा , योगेंद्र शर्मा, जयप्रकाश शर्मा, ओमपाल शर्मा, प्रेमचन्द शास्त्री, विद्यासागर शर्मा आदि लोगों ने अपने- अपने विचार रखे। राष्ट्रीय संरक्षक पं. प्राणनाथ शर्मा ने बताया कि पिछले 2 वर्षों से कोरोना संक्रमण की वजह से देश में कई स्थानों पर भगवान परशुराम जी की मूर्ति स्थापित नही हो पायी थी वो इस वर्ष धूमधाम से स्थापित की जाएंगी।