गाजियाबाद। देश की प्रसिद्ध आईवीएफ संस्थान की श्रृंखला सीड्स आॅफ इनोसेंस अत्याधुनिक मेडिकल जेनेटिक्स व फीटल मेडिसिन की उन्नत चिकित्सा सुविधा के लिए भी अब यशोदा अस्पताल जाना जाएगा।
प्रदेश के कानून मंत्री ब्रजेश पाठक एवं चिकित्सा राज्यमंत्री अतुल गर्ग ने सोमवार को अत्याधुनिक फर्टिलिटी क्लीनिक का उद्घाटन किया। उत्तर भारत की जानी मानी ईवीएफ और सरोगेसी सेंटर की लीडिंग चेन ‘सीड्स आफ इनोसेंस’ ने उत्तर प्रदेश में न केवल आईवीएफ बल्कि मेडिकल जेनेटिक्स (चिकित्सा आनुवंशिकी) और एर्म्ब्योलॉजी (भ्रूण चिकित्सा) सहित अत्याधुनिक इलाज और डायग्नोस्टिक फैसिलिटी वाला सबसे अनोखा फर्टिलिटी क्लीनिक शुरू किया है।
यशोदा अस्पताल के डायरेक्टर डा. रजत अरोड़ा ने बताया कि सीड्स आॅफ इनोसेंस दिल्ली-एनसीआर और उत्तर प्रदेश का पहला आईवीएफ और फर्टिलिटी सेंटर बन गया है, जिसमें इन-हाउस एर्म्ब्योलॉजी (भ्रूण चिकित्सा) और मेडिकल जेनेटिक्स (चिकित्सा आनुवंशिकी) डिपार्टमेंट है।
प्रमुख चिकित्सा सुविधा तथा एडवांस इंफ्रास्ट्रक्चर (बुनियादी ढांचे) और अत्यधिक अनुभवी एर्म्ब्योलॉजी (भ्रूण चिकित्सा) विशेषज्ञों सहित डाक्टरों की मल्टीस्पेशिलिटी टीम से पूर्ण है। इस सेंटर की स्थापना देश की जानी मानी, दूरदर्शी और प्रसिद्ध आईवीएफ विशेषज्ञ डॉ. गौरी अग्रवाल द्वारा की गयी है। गौरतलब है कि गौरी अग्रवाल सीड्स आफ इनोसेंस की सह-संस्थापक भी हैं। सीड्स आॅफ इनोसेंस 8 भारतीय राज्यों में 14 आईवीएफ और सरोगेसी सेंटर का संचालन करता है। यह 2017 में इन-हाउस जेनेटिक टेस्टिंग लैब वाला देश का पहला आईवीएफ सेंटर भी रहा है।
नए फर्टिलिटी क्लीनिक फेटल मेडिसिन एंड मेडिकल जेनेटिक के अनावरण के अवसर पर यशोदा ग्रुप आफ हॉस्पिटल्स दिल्ली एनसीआर के चेयरमैन डॉ. दिनेश अरोड़ा, ग्रुप डायरेक्टर डॉ. शशि अरोड़ा, डॉ. गौरी अग्रवाल, सिविल डिफेंस के चीफ वार्डन ललित जायसवाल आदि मौजूद रहे।
अंतरराष्ट्रीय मानकों का पालन करने का दावा
सीड्स आफ इनोसेंस की सह-संस्थापक डा. गौरी अग्रवाल ने बताया कि सीड्स आफ इनोसेंस, गाजियाबाद को मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर (चिकित्सा बुनियादी ढांचे) और सुविधाओं के अंतरराष्ट्रीय मानकों का पालन करते हुए विकसित किया गया है और यह सेंटर असिस्टेड रिप्रोडक्टिव टैक्नोलॉजीज, फर्टिलिटी ट्रीटमेंट, ज्यादा खतरे वाले गर्भधारण के मैनेजमेंट और जेनेटिक डायग्नोस्टिक में स्पेशिलिटी हासिल किए हुए हैं।
उत्तर प्रदेश में पहली मेडिकल फेसिलिटी
आईवीएफ सेंटर उत्तर प्रदेश में पहली और एकमात्र ऐसी मेडिकल फैसिलिटी होगी, जो प्रीमियम ई10 अल्ट्रासाउंड उपकरण जैसी इंटरनेशनल हॉलमार्क मेडिकल टैक्नोलॉजी के साथ-साथ फेटल मेडिसिन (भ्रूण चिकित्सा) के एक समर्पित डिपार्टमेंट से पूर्ण होगी। यह सेंटर यूनीक भ्रूण हार्ट टूल्स (ह्रदय उपकरण) को प्रस्तुत करते हुए बेहतर इमेजिंग (छवि) स्पष्टता और रंग वाले काम्प्लेक्स केसेस को हल करने में सहायक होगा । यह सेंटर भ्रूण के लिए हाई एंड जेनेटिक डायग्नोसिस सुविधा प्रदान करता है, जैसे कि प्रीइम्प्लांटेशन जेनेटिक स्क्रीनिंग (पीजीएस) और प्रीइम्प्लांटेशन जेनेटिक डायग्नोसिस (पीजीडी) से लेकर आनुवंशिक विसंगतियों को खत्म करने के लिए भ्रूण में अन्य क्रोमोसोमल डिसआर्डर और डाउन सिंड्रोम जैसे वंशानुगत आनुवंशिक बीमारियों के इलाज के लिए आदि डायग्नोसिस सुविधा यह सेंटर प्रदान करता है।
चिकित्सा के क्षेत्र में टैक्नोलॉजी का अहम योगदान
सीड्स आफ इन्नोसेंस की को-फाउंडर तथा डायरेक्टर डॉ. गौरी अग्रवाल ने इस अवसर पर अपनी प्रसन्ता व्यक्त करते हुए सेंटर की उपलब्धियों तथा विशेषताओं के बारे विस्तार से बताया। उन्होंने कहा, इस सफर में पिछले 5 साल बहुत ही शानदार रहे हैं। हालांकि चिकित्सा की दुनिया में चिकित्सा विज्ञान और टैक्नोलॉजी में कई प्रगति हो रही है जिससे हमारे देश को बहुत लाभ हो सकता है। आज हम आईवीएफ को भूमिगत कक्ष में नहीं देख सकते हैं और इसलिए हमें एक व्यापक मल्टी-डिस्प्लिनारी (बहु-अनुशासनात्मक) पर ध्यान देना चाहिए। इसी को देखते हुए हमने जेनेटिक टेस्टिंग (आनुवंशिक परीक्षण) के अलावा एक एडवांस फेटल वेलनेस प्रोग्राम (भ्रूण कल्याण कार्यक्रम) स्थापित किया है। यह फैसिलिटी भ्रूण डॉपलर स्कैन और नॉन-स्ट्रेस टेस्टिंग, फेटल इकोकार्डियोग्राफी, और अन्य जैसी विशिष्ट अल्ट्रासाउंड सेवाएं प्रदान करेगी जो आनुवंशिक असामान्यताओं और भ्रूण में ब्लड फ्लो और भ्रूण के विकास में आने वाली सामान्य समस्याओं के खतरे को समाप्त करने में भी मदद करेगा। सीड्स आॅफ इनोसेंस प्रजनन संबंधी बीमारियों, आईवीएफ और सरोगेसी के लिए एक प्रमुख मेडिकल फैसिलिटी है। इसके अलावा यह सेंटर ज्यादा खतरे वाले गर्भधारण के विशेषज्ञों द्वारा मैनेजमेंट के लिए जाना जाता है। नया सेंटर गर्भधारण से पहले की योजना, गर्भावस्था मैनेजमेंट (प्राथमिक या परामर्शी), और प्रसव सहित कई तरह की सेवाएं भी प्रदान करेगा ताकि बीमारियों से पीड़ित दम्पत्तियों को माँ-बाप बनने का सुख मिल सके। यह सेंटर जिस तरह कि चिकित्सा सुविधा प्रदान करता है उसमे सभी इनफर्टिलिटी और ज्यादा खतरे वाले गर्भधारण से निपटने के लिए विशेषज्ञता और संसाधन मौजूद हैं, जैसे कि पीड़ित में पहले से ही मौजूद चिकित्सा समस्या, अतीत में खराब गर्भावस्था के परिणाम, या भ्रूण के साथ संदिग्ध या कुछ ज्ञात समस्याएं आदि के लिए यह सेंटर समाधान प्रदान करेगा।
डॉ गौरी ने कहा, अब हमारे पास उत्तर और पूर्वी भारत के 8 राज्यों में 14 सेंटर हो गए हैं। हमारा लखनऊ का सेंटर जल्द ही चालू हो जाएगा, और जल्द ही ओमान में हमारे विश्व स्तरीय इंटरनेशनल सेंटर की शुरूआत हो जायेगी।