- कैलाभट्टा से सीएमओ ने किया विशेष टीकाकरण अभियान का शुभारंभ
- जानलेवा बीमारियों से बचाव करता है नियमित टीकाकरण : सीएमओ
- तीसरे चरण में 15448 बच्चों व 3393 गर्भवती को किया जाएगा प्रतिरक्षित
गाजियाबाद। कई जानलेवा बीमारियों से बचाव के लिए बच्चों का नियमित टीकाकरण बहुत जरूरी है। टीकाकरण पूरी तरह सुरक्षित है, किसी तरह के भ्रम में पड़ें, बच्चों का नियमित टीकाकरण अवश्य कराएं। मिशन इंद्रधनुष -5.0 उन बच्चों और गर्भवती के लिए विशेष टीकाकरण अभियान है, जिनका नियमित टीकाकरण किसी वजह से पूरा नहीं हो पाया है। सोमवार से शुरू हुआ मिशन इंद्रधनुष -5.0 14 अक्टूबर तक चलेगा। स्वास्थ्य विभाग का प्रयास है कि अधिक से अधिक बच्चों और गर्भवती को प्रतिरक्षित किया जाए। यह बातें सोमवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डा. भवतोष शंखधर ने कैलाभट्टा में चमन कालोनी में आयोजित किए गए टीकाकरण सत्र पर तीसरे चरण का शुभारंभ करते हुए कहीं।
सीएमओ डा. भवतोष शंखधर ने एक बच्चे को पोलियो ड्रॉप और एक बच्चे को विटामिन-ए की खुराक पिलाकर अभियान का शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि सभी बच्चों का संपूर्ण टीकाकरण कराएं, इसमें चूक नहीं होनी चाहिए। किसी कारणवश टीकाकरण से वंचित रह गए बच्चों और गर्भवती को प्रतिरक्षित करने के लिए विशेष अभियान में घर के नजदीक सत्र आयोजित कर टीकाकरण किया जा रहा है। 14 अक्टूबर तक इस विशेष अभियान का लाभ उठाएं। इस मौके पर जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डा. नीरज अग्रवाल, विश्व स्वास्थ्य संगठन से डा. अभिषेक कुलश्रेष्ठ, एमओ डा. शबा प्रवीन और डा. शारिक, यूनिसेफ से डीएमसी मोहम्मद शादाब और यूएनडीपी से अल्लाहबख्श मौजूद रहे। जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डा. नीरज अग्रवाल ने बताया- विशेष टीकाकरण अभियान मिशन इंद्र धनुष-5.0 में टीकाकरण से छूटे हुए शून्य से पांच साल तक के बच्चों व गर्भवती का टीकाकरण किया जा रहा है। पहले चरण में सात से 12 अगस्त तक और दूसरे चरण में 11 से 16 सितम्बर तक लक्ष्य के सापेक्ष 97 प्रतिशत कवरेज हुई थी। उन्होंने बताया अभियान के आखिरी चरण में कुल 1411 सत्र आयोजित कर 15,448 बच्चों और 3393 गर्भवती को प्रतिरक्षित करने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने बताया – मिशन इंद्रधनुष टीकाकरण का विशेष अभियान है। इसमें टीकाकरण से छूटे बच्चों व गर्भवती को प्रतिरक्षित किया जाता है। नियमित टीकाकरण के लिए जनपद में सभी स्वास्थ्य केन्द्रों पर व्यवस्था है।
5 साल- 7 बार, 12 बीमारियों पर वार
डा. नीरज अग्रवाल ने बताया- बच्चे के जन्म के समय- पहली बार, डेढ़ महीने पर- दूसरी बार, ढाई महीने पर- तीसरी बार, साढ़े तीन महीने पर- चौथी बार, नौ से 12 माह पर- पांचवीं बार, 16 से 24 महीने पर छठवीं बार और पांच साल पर सातवीं बार टीकाकरण होना जरूरी है। बच्चों को बीमारियों से बचाना है, उनका जीवन खुशहाल बनाना है तो टीकाकरण समय से जरूर कराएं। गौरतलब है कि जनपद में 11 बीमारियों से बचाव के लिए टीकाकरण किया जाता है। जेई वैक्सीन सिर्फ पूर्वी उत्तर प्रदेश के चुने हुए जिलों में लगाई जाती है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में यह बीमारी नहीं है।
गर्भवती को लगता है टीडी का टीका
स्वास्थ्य विभाग की ओर से गर्भवती को टिटनेस-डिप्थीरिया का टीका लगाया जाता है। यह टीका गर्भवती और गर्भस्थ शिशु को टिटनेस और गलघोंटू जैसी बीमारी से प्रतिरक्षित करता है। जिला प्रतिरक्षण अधिकारी ने अपील की है कि जो भी बच्चे नियमित टीकाकरण से छूट गये हैं उनके अभिभावक उनको प्रतिरक्षित अवश्य कराएं।