पीपुल्स एलायंस फॉर गुपकार डिक्लेरेशन पीएजीडी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निवास पर 24 जून को होनी वाली बैठक में शामिल होने का एलान कर दिया है। पीएजीडी ने वार्ता के लिए अपना एजेंडा भी स्पष्ट करते हुए कहा कि वे जम्मू-कश्मीर व लद्दाख के लोगों का प्रतिनिधित्व करते हुए पांच अगस्त 2019 से पहले की संवैधानिक स्थिति की बहाली पर जोर देगा।
पीएजीडी जम्मू और कश्मीर में छह पार्टियों का एक गठबंधन है, जिसमें प्रमुख राजनीतिक दल नेकां और पीडीपी भी शामिल हैं। यह गठबंधन केंद्र सरकार द्वारा अगस्त 2019 को अनुच्छेद 370 को रद करने और जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने के बाद गठित किया गया था। पीएजीडी के सदस्य मुजफ्फर शाह ने यह भी घोषणा की कि अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35-ए पर कोई समझौता नहीं किया जाएगा। 5 अगस्त 2019 को नई दिल्ली सरकार ने जम्मू-कश्मीर के जिन अधिकारों को समाप्त किया है, उसकी पुनर्बहाली पर जोर दिया जाएगा।
पीएजीडी नेताओं की बैठक के बाद डॉ अब्दुल्ला ने कहा कि हमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से निमंत्रण मिला है। हम इसमें शामिल होने जा रहे हैं। हमें विश्वास है कि हम प्रधानमंत्री और गृह मंत्री के सामने अपना रुख रखेंगे। बैठक के बाद पीएजीडी नेताओं ने बताया कि डॉ फारूक अब्दुल्ला के साथ महबूबा मुफ्ती और मोहम्मद यूसुफ तारीगामी 24 जून को नई दिल्ली में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में भाग लेंगे।
पीएम मोदी की बैठक में पीएजीडी का प्रतिनिधित्व कौन करेगा इस पर डॉ फारूक ने कहा कि वह खुद, महबूबा मुफ्ती और एमवाई तारीगामी बैठक में शामिल होंगे। पीएजीडी के प्रवक्ता तारीगामी ने कहा कि लोगों में यह गलत धारणा नहीं जानी चाहिए कि हम केंद्र सरकार के निर्धारित एजेंडे पर हस्ताक्षर करने जा रहे हैं। हम देखेंगे कि प्रस्ताव क्या है। अगर यह लोगों के हित में है तो हम हां कहेंगे और अगर प्रस्ताव जम्मू-कश्मीर के लोगों के हित में नहीं हुआ तो उसे मंजूर करने का कोई सवाल ही पैदा नहीं होता।