- सैम- मैम बच्चों की नियमित रूप से होगी स्क्रीनिंग
- बाल क्षय रोगियों को मिलेगा डबल पुष्टाहार
- जनपद में 31 बाल क्षय रोगियों को मिलेगा लाभ
हापुड़। टीबी मुक्त भारत अभियान को सफल बनाने के लिए सरकारी स्तर पर चौतरफा प्रयास किए जा रहे हैं। मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. सुनील कुमार त्यागी ने बताया कि प्रधानमंत्री के 2025 तक भारत को टीबी मुक्त करने के संकल्प में अब बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग (आईसीडीएस) भी क्षय रोग विभाग के साथ आ गया है। बेहतर समन्वय के लिए क्षय रोग विभाग हर माह आईसीडीएस के साथ बैठक करेगा और आईसीडीएस की ओर से समय झ्र समय पर चिन्हित किए जाने वाले गंभीर तीव्र अतिकुपोषित (सैम) और मध्यम गंभीर कुपोषित (मैम) बच्चों की विशेष रूप से स्क्रीनिंग करेगा। दूसरी ओर बेहतर पोषण के लिए कम्युनिटी सपोर्ट की तर्ज पर आईसीडीएस छह वर्ष तक के बाल क्षय रोगियों को अतिरिक्त पुष्टाहार प्रदान करेगा। हर माह छह वर्ष तक के बच्चों को आंगनबाड़ी केंद्र से जो पुष्टाहार मिलता है, बाल क्षय रोगियों को उसकी दोगुनी मात्रा मिलेगी। जिला क्षय रोग अधिकारी (डीटीओ) डा. राजेश सिंह ने बताया कि जनपद में छह वर्ष तक की आयु वाले 31 बाल क्षय रोगी वर्तमान में उपचार प्राप्त कर रहे हैं। इनकी सूची आईसीडीएस विभाग को उपलब्ध करा दी गई है, इसके साथ ही विभाग बाल क्षय रोगियों के बारे में समय-समय पर आईसीडीएस विभाग को सूचित करता रहेगा ताकि सरकार की ओर से बनाई गई व्यवस्था का लाभ बाल क्षय रोगियों तक पहुंच सके। छह वर्ष तक के बच्चों को आंगनबाड़ी केंद्र से हर माह आधा किलो दलिया, तेल और चने की दाल मिलती है, बाल क्षय रोगियों को एक-एक किलो दलिया, तेल और दाल हर माह मिलेगी।
डीटीओ डा. सिंह ने बताया – राज्य टीबी नियंत्रण कार्यक्रम अधिकारी की ओर से बेहतर समन्वय के लिए आईसीडीएस विभाग के साथ हर माह कम से कम एक बैठक आयोजित करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके साथ ही आईसीडीएस विभाग की ओर से समय – समय पर चिन्हित किए जाने वाले गंभीर तीव्र अतिकुपोषित (सैम) और मध्यम गंभीर कुपोषित (मैम) बच्चों की विशेष रूप से निगरानी के निर्देश भी प्राप्त हुए हैं, इन बच्चों को टीबी का संक्रमण होने का खतरा ज्यादा रहता है।
जिला पीपीएम समन्वयक सुशील चौधरी ने बताया-पोषण की कमी से कुपोषित बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता प्रभावित हो जाती है। ऐसे में किसी भी संक्रमण का खतरा बढ़ना स्वाभाविक है। दूसरी ओर बेहतर पोषण और उच्च प्रोटीन युक्त आहार टीबी संक्रमण से लड़ने में मदद करता है। इसलिए हर क्षय रोगी को निक्षय पोषण योजना के तहत हर माह पांच सौ रुपये का भुगतान किया जाता है और कम्युनिटी सपोर्ट के जरिए भी पुष्टाहार उपलब्ध कराया जाता है।