- दिल्ली एनसीआर समेत दर्जनभर शहरों में होगी पानी की किल्लत
- गंगनहर की सफाई के चलते हरिद्वार से की जाएगी आपूर्ति बंद
- 15 नवंबर तक चलेगा गंगनहर की सफाई का कार्य
गाजियाबाद। शुक्रवार यानी आज आधी रात ये गंगाजल की आपूर्ति हरिद्वार से बंद कर दी जाएगी। गंगनहर की सफाई के चलते ऐसा किया जा रहा है। आज से 15 नवंबर तक गंगनहर की सफाई का कार्य चलेगा। एक माह तक गंगनहर से पानी की सप्लाई बंद होने के कारण वेस्ट यूपी सहित एनसीआर में जल संकट रहेगा। गाजियाबाद के अलावा बागपत, मुजफ्फरनगर, मेरठ, प्रताप विहार, ट्रांसहिंडन, डेल्टा कालोनी, नोएडा, साहिबाबाद, वैशाली, वसुंधरा, इंदिरापुरम, कौशांबी, सूर्यनगर, बृजविहार, रामप्रस्थ, चंद्रनगर, रामपुरी इलाके में रहने वाले लोगों को त्योहार के दिनों में पानी की समस्या से जूझना पड़ेगा।
सभी जगह गंगाजल की बजाय नगर निगम के ट्यूबवेल से जलापूर्ति की जाएगी। सफाई शुरू होने के साथ धीरे-धीरे नहर में पानी कम होगा। इसी के अनुसार शहरों में गंगाजल की सप्लाई बंद होगी। मेरठ में भाजपा विधायक अपने क्षेत्र में गंगनहर सिल्ट सफाई का शुभारंभ करेंगे। सरधना फुलत माइनर पर संगीत सोम, जानी सिवालखास में जितेंद्र सतवाई पहुंचेगे।
मेरठ में आज रात से गंगाजल बंद कर दिया जाएगा। मेरठ नगर निगम द्वारा शुक्रवार रात ही सभी 157 ट्यूबवेल चालू हो जाएंगे। हालांकि नगर निगम ने टैंकर की व्यवस्था होने की बात भी कही है। नगर निगम ने 18 घंटे नलकूप चलाने की बात कही है। मेरठ के बाद धीरे-धीरे एनसीआर, गाजियाबाद, दिल्ली में पानी बंद होगा।
सिंचाई विभाग मेरठ-गाजियाबाद के एक्सईएन नीरज कुमार के अनुसार गाजियाबाद, बागपत दो जिलों में करीब 350 किलोमीटर लंबी नहरों की सफाई होनी है। 20 दिन में यह काम पूरा करना है। 12 अक्टूबर को सिल्ट सफाई के टेंडर फाइनल होंगे। 15 अक्टूबर से सफाई शुरू होगी। बागपत के एक्सईएन उत्कर्ष भारद्वाज के मुताबिक बागपत में करीब 200 किलोमीटर लंबी नहरों की सफाई होनी है।
ये सभी नहरें सहायक हैं, इसमें कोई मुख्य नहर नहीं है। मेरठ, गाजियाबाद और बुलंदशहर में मुख्य गंगनहर बह रही है जो सीधे हरिद्वार से निकलती है। बुलंदशहर में भी 300 किलोमीटर के आसपास नहरों में सिल्ट सफाई की जाएगी। हर साल अक्टूबर से नवंबरके बीच में नहरों की सफाई कराई जाती है।
गन्ना, आलू, सरसों की बुवाई पर आएगा असर
वेस्ट यूपी में फसलों की सिंचाई नहरों पर निर्भर है। गन्ने की फसल को सबसे ज्यादा पानी की जरूरत पड़ती है। अगर उसे समय पर पानी नहीं मिला तो गन्ना सूखने लगेगा। सब्जियों और फूल की खेती को हफ्ते में एक बार सिंचाई की जरूरत पड़ेगी। 15 अक्टूबर के बाद से आलू की बुवाई शुरू हो जाएगी। धान के लिए भी एक महीने में करीब दो बार पानी चाहिए।
पानी समय से नहीं मिलने पर सरसों व आलू की बुवाई थोड़ा लेट हो जाएगी। गन्ना, अगेती गेंहू, सरसों की बुवाई पर असर पड़ेगा। गन्ने में मामूली रूप से सूखापन आ सकता है। हालांकि किसान किसी भी तरह से पानी का प्रबंध कर लेते हैं, लेकिन उतनी बेहतर सिंचाई नहीं हो पाती, जितनी नहर से होती है।