नई दिल्ली। पूर्व सांसद शाहिद सिद्दीकी को राष्ट्रीय लोकदल का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया गया है। रालोद अध्यक्ष चौधरी जयंत सिंह ने उन्हें यह जिम्मेदारी सौंपी है। चौधरी अजित सिंह के निधन के बाद जयंत चौधरी से पिछले दिनों उनकी मुलाकात हुई थी, इसी दौरान उन्होंने रालोद में शामिल होने की घोषणा की थी। लेकिन उत्तर प्रदेश में 2022 विधानसभा चुनाव को लेकर रालोद संगठन को मजबूती देने के कार्य में जुटा हुआ है। इसी के चलते मुस्लिम चेहरे के रूप में शाहिद सिददीकी को यह बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई है। रालोद के राष्ट्रीय मीडिया कॉर्डिनेटर सुरेन्द्र शर्मा ने बताया कि पार्टी अध्यक्ष चौधरी जयंत सिंह ने कहा है कि शाहिद सिद्दीकी के उपाध्यक्ष बनने से पार्टी में एकता व भाईचारे को मजबूती मिलेगी। पार्टी अपने लक्ष्यों को तेजी से प्राप्त कर सकेगी।
नवनियुक्त राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शाहिद सिददीकी ने पार्टी अध्यक्ष व पार्टी नेतृत्व का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि जो जिम्मेदारी उन्हें सौंपी गई उसको वे पूरी तन्मयता के साथ निभाएंगे। उन्होंने पार्टी नेतृत्व को विश्वास दिलाया है कि वे रालोद की विचारधारा को आगे ले जाने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। उन्होंने कहा कि किसानों के अधिकारों, नौजवानों के लिए रोजगार की लड़ाई, महिलाओं की सुरक्षा, अल्पसंख्यकों के विकास तथा संपूर्ण समाज की एकता व विकास के लिए पूरी जिम्मेदारी व एकजुटता से परिश्रम करेंगे। उन्होंने उत्तर प्रदेश सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि योगी सरकार किसान विरोधी, जनविरोधी और गरीब विरोधी सरकार है, इसे सत्ता में बने रहने का अब कोई अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा कि चौधरी जयंत सिंह के नेतृत्व में हम यूपी की योगी सरकार से मुक्ति दिलाने का काम करेंगे। 2022 को हम मुक्ति दिवस के रूप में मनाएंगे।
बता दें कि शाहिद सिद्दीकी के पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह से पारिवारिक रिश्ते रहे हैं। चौधरी अजित सिंह के साथ भी उनके मधुर संबंध रहे हैं। शाहिद सिद्दीकी ने 2016 में सामाजिक एकता मंच की स्थापना की थी तथा तभी से वे रालोद के साथ मिलकर भाईचारा सम्मेलन करते आ रहे हैं। उन्होंने समाज को जोड़ने का कार्य किया है। भाजपा द्वारा समाज में जो आपसी भाईचारे की खाई बनाई जा रही है उसे पाटने का कार्य इस मंच के द्वारा किया जाता रहा है। वे नौ वर्ष तक समाजवादी पार्टी में महासचिव रहे तथा राज्यसभा के सदस्य भी रह चुके हैं। रालोद में वे नई जिम्मेदारी के साथ पारी शुरू करने जा रहे हैं। समझा जा रहा है कि उत्तर प्रदेश चुनाव को लेकर रालोद ने शाहिद सिददीकी के ऊपर बड़ा दांव चला है। वेस्ट यूपी में जाट-मुस्लिम गठजोड़ को मजबूती देने के लिए रालोद कोई कसर नहीं छोड़ना चाहता है।