- मुख्यमंत्री से 51 सदस्यीय सिख प्रतिनिधिमण्डल ने भेंट की
- मुख्यमंत्री की इस पहल से 38 वर्षों के बाद दंगा पीड़ितों को न्याय मिलने की आस जगी
- प्रदेश सरकार अभियुक्तों को सजा दिलाकर पीड़ितों को न्याय प्रदान कराने के लिए प्रतिबद्ध: मुख्यमंत्री
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से उनके सरकारी आवास पर 51 सदस्यीय सिख प्रतिनिधिमण्डल ने भेंट की। प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व पटना साहिब गुरुद्वारे के जत्थेदार सिंह साहिब ज्ञानी रंजीत सिंह कर रहे थे। प्रतिनिधिमंडल में उत्तर प्रदेश राज्य अल्पसंख्यक आयोग के सदस्य सरदार परविन्दर सिंह, बाबा तरसेम सिंह, गुरुद्वारा नानकमता साहिब के सेवादार, लखनऊ गुरुद्वारा प्रबन्धक समिति के अध्यक्ष श्री राजेन्द्र सिंह बग्गा, दंगा पीड़ित समिति के सदस्य सरदार सुरजीत सिंह ओबेरॉय तथा कानपुर के श्री अजीत सिंह सहित अन्य व्यक्ति सम्मिलित थे।
प्रतिनिधिमंडल ने वर्ष 1984 के कानपुर के सिख विरोधी दंगें के पीड़ितों को न्याय दिलाने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री द्वारा गठित एसआईटी द्वारा अब तक 14 आरोपियों की गिरफ्तारी किये जाने पर उनके प्रति आभार व्यक्त किया। प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने कहा कि मुख्यमंत्री की इस पहल से 38 वर्षों के बाद दंगा पीड़ितों को न्याय मिलने की आस जगी है। सदस्यों द्वारा यह अनुरोध किया गया कि ट्रायल के माध्यम से सभी अभियुक्तों को सजा दिलायी जाए। प्रतिनिधिमंडल के अन्तर्गत 4 पीड़ित परिवारों के सदस्यों ने भी मुख्यमंत्री जी से भेंट की। मुख्यमंत्री ने आश्वस्त किया कि प्रदेश सरकार अभियुक्तों को सजा दिलाकर पीड़ितों को न्याय प्रदान कराने के लिए प्रतिबद्ध है। प्रतिनिधिमंडल ने जनपद मुरादाबाद के गुरुद्वारे के लंगर हॉल तथा यात्री निवास सम्बन्धी प्रकरण भी मुख्यमंत्री के समक्ष रखा। मुख्यमंत्री ने प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों को आश्वस्त किया कि सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाते हुए कार्यवाही की जाएगी।