- ग्राम प्रधान की मौजूदगी में लिया साफ-सफाई का जायजा
- संचारी रोगों से बचाव के लिए ग्रामीणों को सचेत किया
हापुड़। जिलाधिकारी मेघा रूपम ने जिले में संचारी रोग नियंत्रण अभियान की धरातल पर हकीकत जानने के लिए सभी जिला स्तरीय अधिकारियों को एक-एक गांव का निरीक्षण करने के निर्देश दिए हैं, ताकि निरीक्षण में यदि कहीं गंदगी पाई जाती है तो समय रहते उसे दूर किया जा सके और संचारी रोगों पर प्रभावी अंकुश लगाया जा सके।जिलाधिकारी के निर्देश के अनुपालन में बुधवार को जिला क्षय रोग अधिकारी (डीटीओ) डा. राजेश कुमार सिंह ने गालंद गांव का निरीक्षण किया। ग्राम प्रधान संजय कुमार की मौजूदगी में डीटीओ ने नालियों और खाली पड़े स्थानों पर में साफ – सफाई की स्थिति जानी।
जिला क्षय रोग अधिकारी गांव में सफाई व्यवस्था से संतुष्ट नजर आए। उन्होंने ग्रामीणों को बताया – बरसात के मौसम में संचारी रोगों का प्रकोप अधिक रहता है। संचारी रोगों से बचाव के लिए मच्छरों से बचाव करना बहुत जरूरी है। इसके लिए घरों के आसपास सफाई सुनिश्चित करें। कहीं जलभराव न होने दें। घर में पड़े खाली बेकार पड़े बर्तनों और टायरों आदि में जलभराव होने ने उनमें मच्छर का लारवा पनपने लगता है। कूलर की सफाई करना न भूलें। उन्होंने बताया साफ पानी में एडीज मच्छर का लारवा पैदा हो जाता है, यह मच्छर डेंगू बुखार के लिए जिम्मेदार है। उन्होंने बताया यह मच्छर बाइट के जरिए एक ही समय में कई लोगों को संक्रमित कर सकता है। खास बात यह है कि डेंगू का मच्छर दिन में काटता है। इसलिए बच्चों को पूरे शरीर को ढकने वाले कपड़े पहनाएं। बुखार होने पर नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर चिकित्सक से परामर्श लें।
क्षय रोग और उसके उपचार की भी जानकारी दी
इसके अलावा डीटीओ के साथ गांव के दौरे पर पहुंचे जिला पीपीएम कोर्डिनेटर सुशील चौधरी और पीएमडीटी कोर्डिनेटर मनोज गौतम ने ग्रामीणों को क्षय रोग के लक्षणों की भी विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया दो सप्ताह से अधिक खांसी, सीने में दर्द, खांसते समय बलगम या खून आना, बुखार, थकान और वजन कम होना क्षय रोग का लक्षण हो सकता है। इनमें से एक भी लक्षण होने पर टीबी की निशुल्क जांच कराएं। सरकार ने क्षय रोग के निशुल्क उपचार की व्यवस्था की हुई है, इसके अलावा क्षय रोगी को बेहतर पोषण के लिए हर माह पांच सौ रुपए उसके खाते में मिलते हैं। नियमित उपचार से क्षय रोग पूरी तरह ठीक हो जाता है।