- सीएचसी और एएनएमटीसी में टीबी के खिलाफ कलंक शमन की शपथ दिलाई
- प्रशिक्षणरत आशाओं से जन समुदाय तक टीबी संवेदीकरण की अपील की
गाजियाबाद। क्षय रोग विभाग की ओर से बुधवार को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पिलखुआ और एएनएम ट्रेनिंग सेंटर, रेलवे रोड, पिलखुआ में टीबी के खिलाफ कलंक शमन की शपथ दिलाई। इस मौके पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के समस्त स्टाफ और एएनएम ट्रेनिंग सेंटर में ट्रेनिंग ले रही आशाओं का टीबी के लक्षणों को लेकर संवेदीकरण किया गया और इस संबंध में जन समुदाय को जागरुक करने की अपील की गई। उन्हें बताया कि यदि किसी को दो सप्ताह से अधिक खांसी रहती है, खांसी में बलगम के साथ खून आता है, बुखार रहता है, वजन कम हो रहा हो, रात में सोते समय पसीना आता हो, तो यह टीबी के लक्षण हो सकते हैं। किसी भी नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जांच कराने के लिए प्रेरित करें। टीबी की जांच और उपचार निशुल्क होता है।
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के स्टाफ और प्रशिक्षणरत आशाओं को जिला पीपीएम कोर्डिनेटर सुशील चौधरी ने टीबी के खिलाफ कलंक शमन की शपथ दिलाई – हम यह शपथ लेते हैं कि क्षय रोग के संबंध में समाज को बताएंगे कि क्षय रोग कोई कलंक या अभिशाप नहीं है, तथा इसका इलाज संभव है। इस कार्य में समर्पित होकर स्वस्थ एवं सुरक्षित समाज के निर्माण में अपना पूर्ण योगदान देंगे। टीबी हारेगा देश जीतेगा।ह्व पीपीएम कोआॅर्डिनेटर ने इस मौके पर कहा कि टीबी के संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए जन सहभागिता जरूरी है। इसलिए जन समुदाय को टीबी के लक्षणों, जांच और उपचार के संबंध में पूर्ण जानकारी होना अति आवश्यक है, तभी 2025 तक भारत को टीबी मुक्त किया जा सकता है।
इस अवसर पर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पिलखुआ पर डॉ. प्रमोद कुमार, डॉ. चंदा झा, डॉ. शेफाली वर्मा, डॉ. सुनील गुप्ता, डॉ. हंसपाल, डॉ. आयुष सिंघल, वरिष्ठ उपचार पर्यवेक्षक संगीता, टीबीएचवी विजय कुमार, रामा कृष्णा, संदीप कुमार, विपिन कुमार और प्रयोगशाला सहायक खुर्शीद आलम आदि मौजूद रहे। एएनएम ट्रेनिंग सेंटर में शपथ के दौरान डॉ. चंदन, डॉ. केके शर्मा, डॉ. एससी डोवाल, संजय बालियान और प्रियंका आदि मौजूद रहे।