- केन्द्र सरकार के कार्यालयों 110 करोड़ के हैं बकाएदार
- सरकारी भवनों से संपत्ति कर वसूली की कार्रवाई निगम ने की तेज
गाजियाबाद। नगर निगम की माली हालत ठीक करने के लिए नगरायुक्त ने कड़े फैसले लेने शुरू कर दिए हैं। एक तरफ जहां निजी संपत्तियों से कर की वसूली का अभियान तेज किया गया है वहीं अब सरकारी संपत्तियों से कर वसूलने की कार्रवाई शुरू कर दी गई है। पुराने बकायेदारों से वसूली के कार्य में लगातार विभागीय अधिकारी कार्यवाही कर रहे हैं, इसी का परिणाम है कि निगम की तिजोरी में राजस्व आ रहा है।
नगर आयुक्त डा. नितिन गौड़ ने बताया कि न केवल प्राइवेट प्रतिष्ठान से ही बल्कि राज्य सरकार तथा केंद्र सरकार के भवनों पर भी बकाया सहित सर्विस चार्ज तथा संपत्ति कर वसूलने के लिए कार्यवाही तेज कर दी गई है, जिसमें पुलिस आयुक्त गाजियाबाद भवन पर कुल बकाया 7 करोड़ 20 लाख लगभग था जिसमें लगभग एक करोड़ की वसूली वर्तमान में की गई है। नगर आयुक्त ने बताया है कि अन्य सरकारी भवनों पर संपत्ति कर बकाया है जिसके लिए नोटिस भी जारी किए जा चुके हैं। राज्य सरकार के भवनों पर संपत्ति कर कुल बकाया लगभग 120 करोड़ है, तथा केंद्र सरकार पर कुल बकाया लगभग 110 करोड़ है, जिनसे लगातार संबंधित अधिकारी संपर्क साधते हुए वसूली को बढ़ाएंगे। इससे निगम की आर्थिक स्थिति बेहतर होगी। उन्होंने बताया कि नगर निगम का प्राइवेट प्रतिष्ठानों पर भी अन्य मदों में बकाया चल रहा है जिसकी वसूली भी तेज हो गई है। अंसल हाउसिंग पर लगभग 8 करोड़ रुपया बकाया था जिसके एवज में प्रत्येक माह 25-25 लाख रुपए निगम को प्राप्त हो रहे हैं।
नगर आयुक्त ने बताया कि वसूली अभियान का ही परिणाम है कि लगभग 133 करोड़ की निगम पर देनदारी को खत्म किया गया है।
दिल्ली मेट्रो, हिंडन एयरफोर्स समेत केन्द्र सरकार के 15 भवन निगम के बकाएदार
मुख्य कर निर्धारण अधिकारी डॉक्टर संजीव सिन्हा ने बताया कि निगम का बकाया केंद्र सरकार के लगभग 15 भवनों पर है जिसमें दिल्ली मेट्रो रेल कारपोरेशन, एओसी हिंडन एयर फोर्स, मानव संसाधन विकास केंद्र, सीआईएसफ, रेलवे विभाग संपत्ति, केंद्रीय लोक निर्माण, प्रधान डाकघर नवयुग मार्केट, दूरसंचार मुकुंद नगर, प्रधानाचार्य विशेष केंद्रीय विद्यालय कमला नेहरू नगर, बीएसएनल भी शामिल है।
राज्य सरकार के 18 भवनों पर है निगम का बकाया
इसी प्रकार राज्य सरकार के 18 भवनों पर बकाया है जिनमें विद्युत विभाग, पुलिस आयुक्त विभाग, गाजियाबाद विकास प्राधिकरण, सेनानायक भवन, विद्यालय कॉलेज, कृषि बीज केंद्र, उत्तर प्रदेश लघु उद्योग निगम, जिला गन्ना अधिकारी, नलकूप खंड व अन्य शामिल हैं, जिन पर नगर आयुक्त के निर्देशानुसार लगातार कार्यवाही जारी है सभी से सर्विस चार्ज/ संपत्ति कर की वसूली चल रही है।