गाजियाबाद। राजनगर एक्सटेंशन में मिग्सन सोसायटी के निकट नगर निगम द्वारा कूड़ा डलावघर बनाए जाने पर क्षेत्र के निवासियों की परेशानी को देखते हुए फेडरेशन आॅफ एओए राजनगर एक्सटेंशन के पदाधिकारियों अध्यक्ष एडवोकेट गजेंद्र आर्य, महासचिव गिरीश सारस्वत, कोषाध्यक्ष वीरेंद्र इन्दोलिया, मीडिया प्रभारी धर्मेन्द्र चौधरी, प्रवक्ता संजीव शर्मा एवं सह सचिव डॉ. अनुज राठी आदि के द्वारा अपना विरोध नगर निगम के उच्चाधिकारियों के समक्ष जाहिर करते हुए कूड़ा न डालने का अनुरोध पत्र सौंपा गया था। जिस पर अपर नगर आयुक्त व नगर स्वास्थ्य अधिकारी ने वहां पर कूड़ा न डालने की बात कही थी। लेकिन यहां पर लगातार कूड़ा डाले जाने से राजनगर एक्सटेंशन एवं आसपास के क्षेत्र के निवासियों में रोष व्याप्त हो रहा है , जो कभी भी धरना प्रदर्शन के रूप में फूट सकता है । फेडरेशन के महासचिव गिरीश सारस्वत ने बताया कि फेडरेशन आॅफ एओए के मानवाधिकार कार्यकर्ता एडवोकेट विष्णु कुमार गुप्ता ने इस डलाव घर के विरुद्ध एक याचिका राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में प्रेषित की थी । जिसमें राजनगर एक्सटेंशन के पास ही वायु सेना का हिंडन हवाई अड्डा होने, राजनगर एक्सटेंशन में लगभग 45 सोसाइटियों में एक लाख से अधिक आबादी होने , कचरा सड़ने व आग लगने पर उत्पन्न जहरीली गैस से वातावरण एवं भू जल दूषित होने से मानव जीवन के लिए एक बहुत बड़ी समस्या खड़ी होने की बात कहते हुए मानव जीवन के लिए स्वच्छ एवं साफ पानी प्राप्त कराना राज्य सरकार की जिम्मेदारी बताई थी । इस पर आयोग द्वारा दिनांक 7 जून 2021 को नगर आयुक्त को समुचित कार्यवाही करने के आदेश पारित किए गए। आयोग ने नगर आयुक्त को अपने आदेश में कृत कार्यवाही से एडवोकेट गुप्ता को सूचित किए जाने तथा उनका सहयोग लिए जाने के भी आदेश दिए हैं। इसी क्रम में फेडरेशन आॅफ एओए के पदाधिकारियों तथा फेडरेशन के मानवाधिकार कार्यकर्ता एडवोकेट विष्णु कुमार गुप्ता ने नगर आयुक्त से मिलने के लिए समय प्रदान करने हेतु प्रार्थना की थी । लेकिन एक सप्ताह बीत जाने के बाद भी नगर आयुक्त के द्वारा फेडरेशन आॅफ एओए को समय न दिए जाने के कारण फेडरेशन के पदाधिकारियों अध्यक्ष एडवोकेट गजेंद्र आर्य, महासचिव गिरीश सारस्वत, मानवाधिकार कार्यकर्ता एडवोकेट विष्णु कुमार गुप्ता, मीडिया प्रभारी धर्मेन्द्र चौधरी, कोषाध्यक्ष वीरेंद्र इन्दोलिया , प्रवक्ता संजीव शर्मा तथा सह सचिव डॉ अनुज राठी ने एक वीडियो कॉन्फेंस करके रोष व्यक्त किया और मानवाधिकार आयोग से शिकायत की है।