- बाल यौन शोषण से बचाव और पॉक्सो एक्ट विषयक कार्यशाला का किया गया आयोजन
- बच्चों के बाल यौन उत्पीड़न को रोकने के लिए प्रत्येक स्कूल में पॉक्सो कमेटी का किया जाए गठन
- जनपद के सभी स्कूलों में वर्कशॉप आयोजित कराकर बच्चों एवं अध्यापकों को पॉक्सो के प्रावधानों के बारे में किया जाए जागरूक
- गाजियाबाद। कलेक्ट्रेट के महात्मा गांधी सभागार में जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह की अध्यक्षता में बाल यौन शोषण और बच्चों के खिलाफ हिंसा के विभिन्न रूपों के संबंध में समाधान अभियान संबंधी सेमिनार का आयोजन किया गया। इस अवसर पर निदेशक समाधान अभियान अर्चना अग्निहोत्री के द्वारा आयोजित इस चुप्पी तोड़ हल्ला बोल कार्यक्रम के अंतर्गत आयोजित इस सेमिनार में बाल यौन शोषण और बच्चों के प्रति हिंसा संबंधी विभिन्न कानूनों के संबंध में चर्चा की गई। इस अवसर पर जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह ने कहा कि बच्चों के बाल यौन उत्पीड़न को रोकने के लिए प्रत्येक स्कूल में पॉक्सो कमेटी का गठन किया जाना चाहिए साथ ही जिला विद्यालय निरीक्षक एवं जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को निर्देशित किया गया कि सभी स्कूलों में वर्कशॉप आयोजित कराकर बच्चों एवं अध्यापकों को पॉक्सो के प्रावधानों के बारे में जागरूक किया जाए। कार्यशाला में नगर मजिस्ट्रेट गंभीर सिंह ने बताया कि बाल यौन उत्पीड़न का बच्चों के मन मस्तिष्क पर गहरा प्रभाव पड़ता है। इससे बच्चों का पूरा जीवन प्रभावित होता है और वह देश के विकास में अपना पर्याप्त योगदान नहीं दे पाते हैं। कार्यशाला में निदेशक समाधान अभियान अर्चना अग्निहोत्री द्वारा बताया गया कि एक सर्वे में वर्ष 2020 में भारत में बाल यौन उत्पीड़न के विश्व में सर्वाधिक मामले पाए गए हैं। 13 राज्यों में किए गए एक सर्वे में 53 प्रतिशत से अधिक बच्चों में बाल यौन उत्पीड़न की शिकायतें पाई गई है। उनके द्वारा अवगत कराया गया कि बाल यौन उत्पीड़न किसी भी उम्र जाति या किसी भी आर्थिक स्थिति के बच्चों का हो सकता है हमें बच्चों को अच्छी तरह से खुले और सुरक्षित माहौल में बड़े होने के अवसर देने चाहिए। बाल यौन उत्पीड़न सिर्फ बालिकाओं का ही नहीं होता वरन बालकों का भी समान रूप से होता है। उनके द्वारा गुड टच- बैड टच के बारे में जानकारी दी गई तथा गुड टच- बैड टच के संबंध में 4 नियमों को भी बताया गया। उन्होंने कहा कि यदि आपका बच्चा असामान्य व्यवहार करें तो उससे चर्चा करें और यदि वह किसी प्रकार के यौन उत्पीड़न की बात कहता है तो न ही उसे डांटे और न ही उसे छिपाने की कोशिश करें। कार्यशाला में विभिन्न विभागों के अधिकारियों द्वारा प्रतिभाग किया गया।