गाजियाबाद। पांच राज्यों में चुनावी बिगुल बज गया है। ऐसे में जातीय आधार पर टिकटों की मांग उठने लगी है। अखिल भारतवर्षीय ब्राह्मण महासभा ने प्रेस कान्फ्रेंस यह मामला उठाया है। महासभा के अध्यक्ष बीडी शर्मा, महामंत्री शिवमोहन भारद्वाज, प्रवक्ता विनीतकांत पाराशर ने संयुक्त रूप से कहा कि ब्राह्मण एक जाति नहीं है अपितु एक संस्था है तथा ब्राह्मण हमेशा समाज को दिशा देने का काम करता रहा है। पिछले विधानसभा चुनाव 2017 में वेस्ट यूपी में ब्राह्मण समाज को अन्य जातियों की तुलना में किसी भी पार्टी ने उचित प्रतिनिधित्व नहीं मिला है। भाजपा ने वेस्ट यूपी में मात्र 4 ब्राह्मणों को ही टिकट दिया जिनमें तीन को जिताने का कार्य किया गया। साहिबाबाद विधानसभा सीट पर सुनील शर्मा रिकॉर्ड मतों से जीते हैं। उन्होंने कहा कि महासभा वेस्ट यूपी में ब्राह्मण समाज की भागेदारी बढ़ाने की मांग करती है। वेस्ट यूपी में 18 प्रतिशत से अधिक ब्राह्मण हैं, उसी अनुपात में ब्राह्मणों को टिकट दिए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि समाज के स्थापित नेताओं के साथ राजनैतिक छेड़छाड़ की गई तो ब्राह्मण समाज इसे स्वीकार नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि सभी राजनीतिक पार्टियां ब्राह्मण समाज को लुभाने का प्रयास कर रही है। ब्राह्मण समाज ने भी तय कर लिया है कि जो पार्टी ब्राह्मणों एवं हिन्दुओं के हितों का ध्यान करेगी, राजनीति में समाज का उचित प्रतिनिधित्व देगा एवं देश हित की बात करेगा तथा सबका विकास, सबका साथ की नीति पर कार्य करेगी उसी पार्टी को अखिल भारत वर्षीय ब्राह्मण महासभा सहयोग करेगी। पत्रकार वार्ता के दौरान विक्रमदत्त शर्मा, हुकमचंद शर्मा, राधेश्याम शर्मा, रविदत्त शर्मा, प्रशांतराज शर्मा, सेंगी पंडित, विशाल आदि मौजूद रहे।