- राष्ट्रपति के नाम भेजे ज्ञापन में देश की सेना को बचाने की मांग
गाजियाबाद। सेना में सिर्फ चार साल के लिए युवाओं की भर्ती के विरोध में शुक्रवार को भारतीय किसान यूनियन के कार्यकर्ताओं ने जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन किया और सिटी मजिस्ट्रेट के माध्यम से राष्ट्रपति के नाम मांग पत्र भेजा। भारतीय किसान यूनियन के जिलाध्यक्ष विजेन्द्र सिंह के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने दिए गए ज्ञापन में कहा है कि अग्निपथ योजना भारत के किसानों के बेटे के साथ अन्याय है। सेना में जब किसी जवान की भर्ती की जाती है है उसकी ट्रेनिंग पर ही लाखों रुपए खर्च होते हैं। उसका सेना को कुछ लाभ नहीं होने वाला है। सेना की ट्रेनिंग बहुत सख्त होती है ऐसे में अग्निपथ योजना के तहत भर्ती किए जाने वाले बच्चों को पढ़ाई का वक्त भी नहीं मिलेगा। चार साल के बाद ऐसे युवा जब सेना की नौकरी के बाद आएंगे तो उनका भविष्य अंधकारमय हो जाएगा। इससे तो देश में बेरोजगारी और भी बढ़ेगी। जब युवाओं को पता होगा कि वे चार साल बाद घर चले जाएंगे तो क्या वे ट्रेनिंग में मन लगाएंगे, इससे तो देश का बड़े स्तर पर आर्थिक नुकसान ही होगा। सेना की गोपनीयता भी भंग होने का अंदेशा बना रहेगा। चार साल बाद जब युवा सेना से बाहर आएंगे तो वे हथियार चलाने में निपुण होंगे, लेकिन कोई रोजगार न मिलने के कारण वह गलत रास्ता भी चुन सकता है। उन्होंने कहा है कि 75 प्रतिशत युवा जब सेना से निकल जाएंगे और 25 प्रतिशत युवाओं को ही सेना में मौका मिलेगा, ऐसे में सेना में भ्रष्टाचार बढ़ेगा। जो युवा सेना के अफसरों की चाटुकारिता करेंगे वे ही हो सकता है कि सेना में रेगुलर हो पाएं। उन्होंने कहा कि भारत की सेना दुनिया में नंबर वन है जिसको केन्द्र सरकार खत्म करने का काम कर रही है। भारत सरकार जवानों को पेंशन न देना भी बहुत घातक होगा। इनमेच्योर सेना भी देश के बहुत घातक हो सकती है। भारत सरकार धीरे-धीरे सभी चीजों को निजी हाथों में सौंप रही हैं। इससे देश को बहुत बड़ा नुकसान हो सकता है। उन्होंने पूर्व की भांति ही सेना में जवानों की भर्ती की मांग की है। ज्ञापन पर हरेन्द्र ताऊ, राजकुमार त्यागी, संजीव कुमार चौधरी, राजू, राजेन्द्र सिंह, मंगल सिंह, वेदपाल मुखिया, पवन कुमार आदि मौजूद रहे।