लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि बोधिसत्व भारतरत्न बाबा साहब डॉ. भीमराव आंबेडकर असामान्य प्रतिभा के धनी थे। उन्होंने चुनौतियों से रास्ता निकालकर देश को संविधान दिया। बाबा साहब के आदि से अन्त तक मैं भारतीय हूं के भाव ने उन्हें पूरी दुनिया में एक विशिष्ट स्थान प्रदान किया। बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर अखंड भारत में गरीबों, शोषितों एवं वंचितों की आवाज थे। उन्होंने कहा कि व्यक्ति की महानता में निखार तभी आता है जब वह स्वयं के संघर्षों से अपना रास्ता बनाता है। अवसर को उपलब्धियों में बदलने वालों का दुनिया सम्मान करती है। व्यक्ति की सकारात्मक सोच ही व्यक्ति को आगे बढ़ाती है।
भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय में आजादी के अमृत महोत्सव की श्रृंखला में भारतरत्न बाबा साहब डा. भीमराव अंबेडकर की जयन्ती के अवसर पर उन्होंने प्रदेशवासियों को बाबा साहब की जयन्ती, भगवान महावीर की जयन्ती एवं बैसाखी पर्व की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि हम सभी को अपने महापुरुषों से प्रेरणा प्राप्त कर राष्ट्र व समाज की भलाई तथा विकास के लिए अपना योगदान देना चाहिए।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश और दुनिया में बाबा साहब की महानता के अनुरूप उन्हें सम्मान दिलाने का कार्य किया है। प्रधानमंत्री ने बाबा साहब से जुड़े पावन स्थलों को पंचतीर्थ के रूप में विकसित किया है। प्रधानमंत्री की प्रेरणा और मार्गदर्शन में राज्य सरकार द्वारा प्रदेश की राजधानी लखनऊ में भारतरत्न डा. भीमराव अंबेडकर स्मारक एवं सांस्कृतिक केन्द्र का निर्माण कराया जा रहा है। यह केन्द्र बाबा साहब के व्यक्तित्व, कृतित्व एवं उनके आदर्शांे के सन्दर्भ में शोध कार्यों को आगे बढ़ाने का कार्य करेगा। साथ ही, प्रदेश सरकार इस केन्द्र के शोधार्थियों को छात्रवृत्ति भी प्रदान करेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बाबा साहब के सपनों को साकार करने के लिए प्रधानमंत्री अपनी दूरदर्शिता तथा विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं एवं कार्यक्रमों के माध्यम से नये भारत का निर्माण कर रहे हैं। प्रधानमंत्री की प्रेरणा एवं मार्गदर्शन में प्रदेश सरकार विगत 5 वर्षांे से नये भारत के नये उत्तर प्रदेश को निर्मित कर रही है। उन्होंने कहा कि सामूहिक प्रयासों में बड़ी ताकत होती है। देश में प्रदेश की 25 करोड़ जनता की आवाज, एक ताकत है। हमारे समाज में अस्पृश्यता, शोषण, अन्याय के लिए कहीं कोई जगह नहीं है। पूर्वी उत्तर प्रदेश में 40 वर्षांे से चली आ रही इन्सेफेलाइटिस की समस्या को राज्य सरकार ने प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में अन्तर्विभागीय समन्वय से मात्र 5 वर्षांे में नियंत्रित करने में सफलता प्राप्त की है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने अपने पहले कार्यकाल में अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति एवं पिछड़े वर्ग के विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति के दायरे को बढ़ाने का कार्य किया है। साथ ही, राज्य सरकार द्वारा अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति वर्ग के कल्याण के लिए विभिन्न योजनाएं संचालित की जा रही हैं। पूरी ईमानदारी और पारदर्शिता के साथ केन्द्र एवं राज्य सरकार की इन योजनाआें का लाभ उन्हें प्राप्त हो रहा है। उन्होंने कहा कि समाज के सभी वर्गों का कल्याण सरकार की प्राथमिकता है। स्वामित्व योजना के अन्तर्गत ड्रोन द्वारा सर्वे कराकर ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को उनके आवासीय घर के दस्तावेज उपलब्ध कराये जा रहे हैं। प्रधानमंत्री मुद्रा योजना, समाज कल्याण विभाग की विभिन्न योजनाओं और उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम के कार्यक्रमों द्वारा समाज के अंतिम पायदान के व्यक्ति को लाभान्वित करने का कार्य किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विश्वविद्यालय ज्ञान के आदान-प्रदान के साथ ही सामाजिक एवं व्यावहारिक ज्ञान के सेतु भी हैं। विद्यार्थियों में शैक्षणिक ज्ञान के साथ-साथ सामाजिक ज्ञान होना भी आवश्यक है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 देश के विकास की नयी प्रेरणा है। सभी को मिलकर उत्तर प्रदेश को बाबा साहब के सपनों का प्रदेश बनाने के लिए निरन्तर प्रयास करने होेंगे।
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय में आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेता छात्र-छात्राओं को पुरस्कार वितरित किये। तदोपरान्त उन्होंने विश्वविद्यालय की स्थापना में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले एसआर लाखा और बाबूराम को सम्मानित किया और बोधिवाटिका में तथागत गौतम बुद्ध की प्रतिमा का अनावरण किया।
इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह, समाज कल्याण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार)असीम अरुण, उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम के अध्यक्ष डा. लालजी प्रसाद निर्मल, बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय के कुलाधिपति डा. प्रकाश सी. बरतूनिया एवं कुलपति प्रो. संजय सिंह, प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति मुकेश कुमार मेश्राम, आयोजन समिति के सदस्य के.एल. महावर सहित शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी, विश्वविद्यालय के शिक्षक, छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।