नई दिल्ली। कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए एजुकेशन डिपार्टमेंट भी बच्चों की सेहत को लेकर फिकरमंद है। इसलिए तो सीबीएसई बोर्ड ने विद्यार्थियों को कई छूट देने का निर्णय लिया है। दरअसल सीबीएसई बोर्ड की 10वीं और 12वीं की परीक्षाएं मई माह में शुरू होने जा रही हैं। बोर्ड परीक्षाओं से पहले प्रयोगात्मक परीक्षाएं चल रही हैं। इसी के मददेनजर सीबीएसई की ओर से कोरोना पॉजिटिव विद्यार्थियों को बोर्ड परीक्षाओं में राहत देने की बात कही है। सीबीएसई बोर्ड की ओर से कोरोना संक्रमित छात्रों को प्रायोगिक परीक्षाओं में पूरी छूट दिए जाने का ऐलान किया है। सीबीएसई बोर्ड ने कहा है कि जो भी विद्यार्थी अभी कोरोना वायरस से संक्रमित हैं और प्रायोगिक कक्षाओं में भाग ले पाने में असमर्थ हैं उन्हें प्रायोगिक परीक्षाओं में बैठने के लिए एक और विशेष अवसर दिया जाएगा। संक्रमित पाए गए छात्र-छात्राएं अप्रैल में ही या फिर लिखित परीक्षाओं के बाद प्रायोगिक परीक्षाएं दे सकते हैं। इसके लिए उन्हें अपनी कोविड-19 की पॉजिटिव जांच रिपोर्ट स्कूल में जमा करानी होगी। इसके आधार पर ही उन्हें परीक्षा में राहत प्रदान की जाएगी। उधर, दूसरी ओर शिक्षाविदों ने सीबीएसई बोर्ड को इस बार होम बोर्ड परीक्षाएं कराने का सुझाव दिया है। विशेषज्ञों को कहना है कि बोर्ड को ऐसा इंतजाम करना चाहिए ताकि छात्र घर बैठे हुए बोर्ड परीक्षाएं दे सकें। वहीं, कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि 2020-2021 का शैक्षणिक सत्र पहले से ही तीन महीने की देरी से चल रहा है। ऐसे में अगर परीक्षाएं किन्हीं कारणवश टालनी पड़ जाएं तो अगले शैक्षणिक सत्र 2021-2022 के लिए बहुत ज्यादा देरी हो जाएगी। ऐसा करना बेहद मुश्किल है। ऐसे में हमें अभी से ही वैकल्पिक व्यवस्था की ओर ध्यान देना होगा। साथ ही परीक्षा केंद्र बढ़ाने और परीक्षा का समय घटाने जैसे उपाय किए जा सकते हैं।