- मधुशाला काव्य रचनाओं से धूम मचाने वाले कवि हरिवंश राय बच्चन का आज है जन्मदिन
नई दिल्ली। प्रसिद्ध कवि हरिवंश राय बच्चन का आज जन्मदिन है। उनके बारे में वैसे तो बहुत जानकारियां हैं लेकिन उनके बारे में कुछ जानकारियां हम आपको बता रहे हैं। दरअसल आज देश में कवि सम्मेलन खूब होते हैं। कवि सम्मेलन के बाद कवियों को लिफाफा देने यानी पारिश्रमिक दिलाए जाने की शुरूआत हरिवंश राय बच्चन ने ही कराई थी।
उनका जन्म वर्ष 1907 में उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले के बाबू पट्टी गांव में हुआ था। हरिवंश राय बच्चन का जीवन काफी चुनौतीपूर्ण रहा है। इलाहाबाद के चर्चित कवि यश मालवीय ने एक इंटरव्यू में कहा था कि पहली काव्य रचना मधुशाला के जरिए बच्चन साहब नामी कवि बन गए थे। उन्होंने ही कवियों के लिए मानदेय की परिपाटी की शुरूआत करवाई। पहले कवियों का सम्मेलन तो जरूर होता था, लेकिन उन्हें कोई पारिश्रमिक नहीं दिया जाता था। साल 1954 में इलाहाबाद के पुराने शहर जानसेनगंज में कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया था। इसमें डॉ. हरिवंश राय बच्चन, गोपीकृष्ण गोपेश और उमाकांत मालवीय सरीखे कई लोकप्रिय कवि बुलाए गए थे। प्रोग्राम शाम को शुरू होना था। सभी कवि सम्मेलन में पहुंचे। हरिवंश राय बच्चन ने पहुंचते ही गुस्से में काव्य पाठ करने से मना कर दिया था। उनका कहना था जब टेंट-माइक वाले को पैसे मिलते हैं तो कवि को क्यों नहीं? जबकि कवियों की वजह से ही महफिल सजती हैं वरना कवि सम्मलेन का क्या मतलब? उस दौरान बच्चन साहब की ‘मधुशाला’ से लेकर ‘मधुकलश’, ‘मधुबाला’ जैसी काव्य रचनाएं धूम मचा रही थी। उनकी बात मान ली गई। कवि सम्मेलन खत्म होने के बाद बच्चन साहब को आयोजक मंडल ने 101 रुपए दिए। वहीं, उनके दोस्त कवि गोपीकृष्ण को 51 रुपए और उमाकांत मालवीय को 21 रुपए मानदेय मिला।
बच्चन साहब ने अपनी दिन जल्दी-जल्दी ढलता है, बच्चे प्रत्याशा में होंगे, नीणों से झांक रहे होंगे और पक्षियों पर भाता रचनाओं से खूब वाहवाही बटोरी थी।
1926 में हरिवंश राय की शादी श्यामा से हुई। टीबी की लंबी बीमारी के बाद 1936 में श्यामा का निधन हो गया। 1941 में बच्चन ने तेजी सूरी से दूसरी शादी की। बच्चन परिवार के गांधी परिवार से करीबी संबंध रहे हैं। हरिवंश जी की पत्नी तेजी और इंदिरा गांधी की दोस्ती तब से थी जब इंदिरा गांधी की शादी भी नहीं हुई थी। इसके बाद दोनों परिवारों के बच्चों के बीच गहरी दोस्ती बनी रही। जब राजीव गांधी ने शादी नहीं की थी तो इटली से आकर सोनिया ने कुछ दिन बच्चन परिवार के साथ बिताए थे। शादी की कुछ रस्में बच्चन परिवार के घर से ही पूरी हुई थीं। दोनों परिवारों की दोस्ती ही थी कि जब ‘कुली’ फिल्म की शूटिंग के दौरान जब अमिताभ घायल होकर ब्रीच कैंडी अस्पताल में पड़े थे तब राजीव गांधी अमरीका से उन्हें देखने आए और इंदिरा गांधी दिल्ली से वहां पहुंचीं थीं।