गाजियाबाद। लालकुआं स्थित आईएमएस में पीजीडीएम छात्रों के लिए क्रोध प्रबंधन पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का आयोजन मनोवैज्ञानिक विशेषज्ञ एवं परामर्शदाता अदिति जैन के द्वारा संस्थान के सभागार में किया गया। इस कार्यशाला की परिकल्पना छात्रों में प्रभावी ढंग से क्रोध को प्रबंधित करने की भावनात्मक क्षमता को विकसित करने के लिए की गई थी। कार्यशाला की प्रासंगिकता पर अपनी अंतदृष्टि साझा करते हुए, संस्थान के निदेशक, डा. उर्वशी मक्कड़ ने इस बात पर प्रकाश डाला कि छात्रों को क्रोध प्रबंधन और क्रोध नियंत्रण के बीच के अंतर को समझना चाहिए। उनके अनुसार, हालांकि क्रोध को प्रबंधित करने के लिए कोई निश्चित शॉर्टकट उपाय नहीं है, फिर भी छात्र व्यक्तिगत भलाई के लिए बुद्धिमानी से क्रोध को प्रबंधित करने का कौशल सीख सकते हैं। उन्होंने विस्तार से बताया कि क्रोध एक स्वाभाविक, हालांकि कभी-कभी अवांछित और तर्कहीन भावना है जिसे हर कोई समय-समय पर अनुभव करता है। वैश्विक सर्वेक्षणों के संदर्भ में उन्होंने आज के युवाओं में तनाव, क्रोध और निराशा के व्यापक प्रसार की ओर ध्यान आकर्षित किया।
विशेषज्ञ अदिति जैन ने छात्रों को सलाह दी कि क्रोध के अप्रभावी प्रबंधन से संभावित नकारात्मक परिणाम हो सकते हैं। उन्होंने रणनीति बनाने और अभ्यास करने पर विभिन्न व्यवहारिक अभ्यासों के माध्यम से छात्रों को क्रोध के विभिन्न स्रोतों को पहचानने और प्रबंधित करने में मदद की। डॉ. अनिंदता और डॉ. मोनिका अग्रवाल द्वारा समन्वित प्रयायों से कार्यशाला के सफल आयोजन पर उनकी सराहना की।