- प्रधानमंत्री मोदी ने की बड़ी घोषणा
- आंदोलित किसानों को घर लौटने की अपील की
- संसद से कानून वापिस न होने तक जारी रहेगा आंदोलन: टिकैत
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज सुबह नौ बजे देश के नाम अपने संबोधन में किसानों के हितों में बड़ा फैसला लेते हुए तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने को कहा है। गुरु नानक देव जी के प्रकाश पर्व पर दिए अपने संबोधन में पीएम मोदी ने किसानों से अपील की कि वे वापस लौट जाएं और अपनी खेती को देखें। उन्होंने कहा कि छोटे किसानों के हितों में सरकार निर्णय लेने से कभी पीछे नहीं हटेगी। उन्होंने कहा कि इसी माह संसद के शीतकालीन सत्र में इन तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए प्रस्ताव लाया जाएगा। उधर, भाकियू प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि कानून इतनी जल्दी वापस नहीं होने वाले हैं। कानून खत्म होने का वे इंतजार करेंगे। संसद में इन कानूनों की वापसी के बाद आंदोलन समाप्त किया जाएगा।
ध्यान रहे कि कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली की सीमाओं पर हजारों किसान पिछले एक साल से प्रदर्शन कर रहे हैं। ये सभी किसान कृषि कानूनों को रदद करने की मांग पर अड़े हुए थे, जिन्हें आखिरकार केंद्र की मोदी सरकार ने मान लिया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि कृषि में सुधार के लिए तीनों कानूनों का देश के किसानों, संगठनों ने इसका स्वागत किया, समर्थन किया। मैं सभी का बहुत-बहुत आभारी हूं। साथियों हमारी सरकार किसानों के कल्याण के लिए देश के कृषि जगत के हित में, गांव, गरीब के हित में पूर्ण समर्थन भाव से, नेक नियत से ये कानून लेकर आई थी। लेकिन इतनी पवित्र बात पूर्ण रूप से किसानों के हित की बात हम कुछ किसानों को समझा नहीं पाए। भले ही किसानों का एक वर्ग इसका विरोध कर रहा था। हमने बातचीत का प्रयास किया। ये मामला सुप्रीम कोर्ट में भी गया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा हमने कृषि कानूनों को वापस लेने का फैसला किया। साथ ही पीएम मोदी ने किसानों से अपील की है कि आप अपने अपने घर लौटे, खेत में लौटें, परिवार के बीच लौटें, एक नई शुरूआत करते हैं। आज मैं आपको, पूरे देश को, ये बताने आया हूं कि हमने तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का निर्णय लिया है। इस महीने के अंत में शुरू होने जा रहे संसद सत्र में, हम इन तीनों कृषि कानूनों को रद करने की संवैधानिक प्रक्रिया को पूरा कर दें।
उन्होंने बताया कि किसानों के लिए एमएसपी को और अधिक प्रभावी और पारदर्शी बनाने के लिए, ऐसे सभी विषयों पर, भविष्य को ध्यान में रखते हुए, निर्णय लेने के लिए, एक कमेटी का गठन किया जाएगा। इस कमेटी में केंद्र सरकार, राज्य सरकारों के प्रतिनिधि होंगे, किसान होंगे, कृषि वैज्ञानिक होंगे, कृषि अर्थशास्त्री होंगे। इसके साथ ही आज ही सरकार ने कृषि क्षेत्र से जुड़ा एक और अहम फैसला लिया है।