गाजियाबाद। रविवार 14 नवंबर को देवउठान एकादशी पर भगवान विष्णु के चार महीने की योग निंद्रा के साथ ही मांगलिक कार्य शुरू हो जाएंगे। शादी की शहनाई भी रविवार से बजने लगेगी। आचार्य दीपक तेजस्वी ने बताया कि देवउठानी एकादशी के दिन अबूझ मुहूर्त होने से विवाह आदि के लिए मुहूर्त कर जरूरत नहीं पडती है और इसी के चलते इस दिन सबसे अधिक विवाह होते हैं। देवउठनी एकादशी सबसे अधिक शुभ दिनों में से एक है और इस दिन से ही मांगलिक कार्य शुरू होते हैं। इस बार नवंबर माह में तीन एकादशी तिथियों का शुभ संयोग भी बन रहा है। एक नवंबर को रमा एकादशी के बाद 14 को देवउठान एकादशी है। वहीं महीने के अंत में 30 नवम्बर को उत्पन्ना एकादशी पड़ेगी। आचार्य दीपक तेजस्वी ने बताया कि देवउठानी एकादशी के बाद विवाह के मुहूर्त नवंबर माह में 19, 20, 21, 26, 28, 29 व 30 नवंबर को तथा दिसंबर माह में एक, दो, पांच, छह, सात, 11, 12 व 13 दिसंबर को विवाह का मुहूर्त होगा। 15 दिसंबर से धनुर्मास लग जाएगा, जिसके चलते विवाह व अन्य मांगलिक कार्य एक महीने तक नहीं हो पाएंगे।