- रालोद की आशीर्वाद पथ रैली का आगाज हापुड़ के नूरपुर मढैया से हुआ
- किसानों का खून चूस रही है योगी सरकार
- किसानों की आय दोगुना करने वादा सिर्फ दिखावा निकाला
- पीएम नहीं बोलना चाहते किसानों पर एक भी शब्द
- लखीमपुर खीरी के किसानों की शहादत भुलाई नहीं जा सकती
गाजियाबाद। 2022 चुनाव को लेकर उत्तर प्रदेश में राजनीतिक सरगर्मियां बढ़ गई हैं। लखीमपुर खीरी की घटना के बाद से तो सरकार पर विपक्षी पूरी तरह हमलावर हो चुका है। वेस्ट यूपी में रालोद ने चुनावी अभियान का आगाज आशीर्वाद पथ जनसभा से कर दिया है। रालोद अध्यक्ष जयंत चौधरी ने अपने दादा चौधरी चरण सिंह के पैतृक गांव हापुड़ के नूरपुर मढैया से गुरुवार को कर दिया। यहां आयोजित जनसभा को संबोधित करते हुए जयंत चौधरी ने प्रदेश की योगी व केन्द्र की मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला। चौधरी जयंत सिंह ने कहा कि नूरपुर मढैया के लोगों का आशीर्वाद मेरे लिए कवच का काम करेगा। जब-जब मैं दुख और पीड़ा में रहूंगा तो उनका आशीर्वाद मेरे साथ बना रहेगा और जो मेरे दुख-दर्द को दूर करेगा। उन्होंने कहा कि मैं मर जाऊंगा लेकिन किसानों की आन-बान और शान को झुकने नहीं दूंगा।
चौधरी जयंत ने कहा कि वर्तमान सरकार न केवल झूठी है बल्कि किसानों की बेइज्जती करने में भी पीछे नहीं हट रही है। यह जनता का खून चूस रही है। उन्होंने कहा कि योगी मुख्यमंत्री नहीं बल्कि भोगी हैं। उन्होंने हापुड़ के एक मजदूर संजय का नाम लेते हुए कहा कि उसे 75 लाख का बिजली का बिल भेज दिया। आप ही बताईए एक गरीब आदमी कैसे 75 लाख रुपए की बिजली फूंक सकता है। उन्होंने कहा कि आज भी हापुड़ जिले के सरकारी विभागों पर बिजली विभाग का 24 करोड़ रुपए बकाया है। उन्होंने कहा कि यदि उनकी पार्टी सत्ता में आई तो किसानों के हर दुख दर्द दूर होंगे और किसान की सरकार होगी। उन्होंने कहा कि भाजपा ने मात्र छह हजार रुपए देकर ही किसानों के सम्मान की घोषणा की उनकी सरकार आने पर वह इस रकम को 12 हजार करेंगे और 23 जनवरी को चौधरी चरण सिंह के जन्मदिवस पर एक योजना चलाकर किसानों के खातों में उस रकम को सीधे भेजेंगे। सीमांत किसानों के लिए यह योजना 15 हजार रुपए की होगी। जयंत चौधरी ने कहा कि खुशहाली का रास्ता खेत और खलिहान से होकर गुजरता है, यदि खेत हरे भरे होंगे तो किसान मजबूत होंगे और देश मजबूत बनेगा। उन्होंने केन्द्र सरकार पर प्रहार करते हुए कहा कि किसानों की आय को दोगुणा करने का सपना दिखाया था लेकिन वह झूठा निकला। वर्ष 2013 से लेकर 2019 तक किसानों की आय 43 से लेकर 35 प्रतिशत तक घटी है। हर पार्टी चौधरी चरण सिंह का नाम लेकर किसानों के बीच जाती है, चुनाव के बाद किसानों के हित की कोई योजना नहीं चलाती हैं। जयंत चौधरी ने कहा कि ये झूठा वायदा करने वाली सरकार है। कुछ दिन पहले लखीमपुर खीरी में हुई घटना का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि उक्त घटना को सरकार भुलवाना चाहती है लेकिन हम अपने किसान भाइयों की शहादत को कैसे भूल सकते हैं। लखीमपुर खीरी की घटना अंग्रेजों के जनरल डायर की याद दिला देती है। जयंत चौधरी ने कहा कि हमारे किसान भाई साढ़े दस माह से बॉर्डर पर बैठे हैं और सात सौ से अधिक किसान भाइयों ने अपनी शहादत दे दी है लेकिन सरकार पर कोई असर नहीं हो रहा है। प्रधानमंत्री किसानों के नाम पर एक शब्द भी बोलना पसंद नहीं करते हैं। जयंत चौधरी ने किसानों को आगाह किया कि यह सरकार जो 14 दिन का गन्ना मूल्य भुगतान का कानून है उसे हटाना चाहती है। पूंजीपति मित्र उनके मजबूत हों और किसानों को टुकड़े-टुकड़े में भुगतान हो, केन्द्र सरकार की यही मंशा है। जयंत चौधरी ने कहा कि किसानों को उनकी फसल का वाजिब मूल्य नहीं मिल पा रहा है। उन्होंने प्रदेश सरकार के गन्ना मूल्य बढ़ाए जाने पर कहा कि यह सिर्फ चुनाव नजदीक आने पर किया गया है जबकि किसानों की फसल में लागत अधिक लग रही है और मूल्य कम मिल रहा है। उन्होंने कहा कि 31 अक्टूबर को सरदार पटेल की जयंती पर लोक संकल्प पत्र की घोषणा की जाएगी। संकल्प पत्र में हर किसान, मजदूर, गरीब के हित में फैसले होंगे। इस अवसर पूर्व केन्द्रीय कृषि मंत्री सोमपाल शास्त्री, राष्टÑीय महासचिव त्रिलोक त्यागी, राजेन्द्र शर्मा, पूर्व विधायक दिलनवाज खां, पूर्व विधायक सुदेश शर्मा, प्रदेश प्रवक्ता रेखा चौधरी, राष्टÑीय मीडिया कॉर्डिनेटर सुरेन्द्र शर्मा, महिला प्रकोष्ठ की अध्यक्ष प्रियवदा तोमर, क्षेत्रीय अध्यक्ष यशवीर सिंह, प्रदेश महासचिव ओडी त्यागी, मनोज चौधरी,आकिल चौधरी, नानकचंद शर्मा, डा.मेहराजुददीन, शिवकुमार त्यागी, अजयवीर सिंह आदि आदि मौजूद रहे। इस दौरान पूर्व आईआरएस प्रीति हरिता ने रालोद में शामिल होने की घोषणा की। सभा का संचालन जिलाध्यक्ष गौरव प्रसाद ने किया व अध्यक्षता पूर्व विधायक सुदेश शर्मा ने की।
पगड़ी के साथ 11 लाख रुपए भी जयंत को किए भेंट
गांव नूरपुर में आयोजित जनसभा में उमड़े जनसैलाब ने साबित कर दिया कि आज भी किसानों के मसीहा चौधरी चरण सिंह ही हैं। पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के पौत्र जयंत चौधरी अपने पिता अजीत सिंह और दादा चौधरी चरण सिंह के पदचिन्हों पर चलते हुए खेत-खलिहान और किसानों की समस्याओं को लेकर फिक्रमंद हैं। वे किसानों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रहे हैं। किसानों पर जब-जब विपदा या विपत्ति आई वे हमेशा उनके साथ लाठी की तरह मजबूती से खड़े रहे। क्षेत्र के किसानों और ग्रामीणों ने भी जयंत चौधरी पर खूब प्यार उड़ेला और उन्हें पगड़ी बांधने के साथ ही 11 लाख की थैली भी भेंट की।