नई दिल्ली। तूफान यास से हुई भारी तबाही का जायजा लेने बंगाल पहुंचे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की बैठक में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के न पहुंचने को लेकर कल से ही राजनीति गर्माई हुई है। ममता बनर्जी जहां बैठक में न पहुंचने को लेकर अपनी सफाई दे चुकी हैं वहीं केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ट्वीट कर उनके आचरण को दुर्भाग्यपूर्ण बता चुके हैं। अब बात और भी आगे बढ़ गई है। बंगाल के मुख्य सचिव अलापन बंद्योपाध्याय को गृह मंत्रालय ने 31 मई की सुबह दस बजे तक दिल्ली पहुंचने के निर्देश दिए हैं। ममता के बैठक में शामिल नहीं होने की वजह भाजपा नेता व बंगाल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी को आमंत्रित किया जाना बताया जा रहा है। सूत्र बताते हैं कि मुख्यमंत्री कार्यालय की तरफ से प्रधानमंत्री कार्यालय को पत्र लिखकर पूछा गया था कि इस बैठक में विधायकों व सांसदों को क्यों शामिल किया गया है? पहले मोदी ने बंगाल व ओडिशा के तूफान प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वे किया। ओडिशा में भी उन्होंने बैठक की। दोनों ही राज्यों के लिए राहत पैकेज का एलान भी किया। ओडिशा में प्रभावित क्षेत्र का सर्वे व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक सहित अन्य अधिकारियों संग बैठक करने के बाद मोदी ने कोलकता के कलाइकुंडा एयरफोर्स बेस पर बैठक की। यहां आयोजित बैठक में न तो मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पहुंची और न ही राज्य का कोई अधिकारी। वह राज्य के मुख्य सचिव अलापन बंद्योपाध्याय के साथ आधे घंटे देरी से पहुंचीं और प्रधानमंत्री से अलग से मुलाकात कर रिपोर्ट सौंप दी। इस दौरान उन्होंने पीएम से 20 हजार करोड़ रुपये का राहत पैकेज जरूर मांगा। इसके बाद दीघा में प्रशासनिक बैठक का हवाला देते हुए वहां से निकल गईं थीं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने तूफान यास से हुए नुकसान की भरपाई के लिए ओडिशा, बंगाल और झारखंड के लिए एक हजार करोड़ की सहायता राशि दिए जाने का ऐलान किया है।