नई दिल्ली। प्रसिद्ध पर्यावरणविद् सुंदरलाल बहुगुणा भी कोरोना से जंग हार गए। 94 वर्षीय बहुगुणा का आठ मई से ऋषिकेश स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में उपचार चल रहा था। शुक्रवार को उन्होंने अंतिम सांस ली। शाम को ऋषिकेश के पूणार्नंद घाट पर राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उत्तराखंड की राज्यपाल बेबीरानी मौर्य, मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत और केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने बहुगुणा के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। कुछ समय पहले बहुगुणा को बुखार व खांसी की शिकायत हुई थी। कोविड टेस्ट कराने पर उनकी रिपोर्ट पाजिटिव आई। एम्स के जनसंपर्क अधिकारी हरीश मोहन थपलियाल ने बताया कि बीती शाम से उनका आक्सीजन लेबल गिरने लगा था, जिसके बाद उन्हें आइसीयू में लाइफ सपोर्ट पर रखा गया। शुक्रवार की दोपहर करीब 12 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली। उनके पुत्र राजीव नयन बहुगुणा, प्रदीप बहुगुणा, पत्नी विमला बहुगुणा व पुत्री माधुरी पाठक अस्तपाल में ही मौजूद थे। दोपहर बाद तीन बजे उनके पार्थिव शरीर को तिरंगे में लपेट कर पूणार्नंद घाट ले जाया गया। उनके पुत्र राजीव व प्रदीप बहुगुणा ने उन्हें मुखाग्नि दी।