- पहले दिन गढ़मुक्तेश्वर टीबी यूनिट में लिया एसीएफ का जायजा
- एसीएफ टीम के साथ बैठक कर जरूरी दिशा-निर्देश भी दिए
हापुड़। सक्रिय क्षय रोग खोज (एसीएफ) अभियान का पर्यवेक्षण करने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के राज्य सलाहकार डा. मानस शर्मा दो दिवसीय दौरे पर जनपद में पहुंच गए हैं। बृहस्पतिवार को डा. शर्मा ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, गढ़मुक्तेश्वर पर एसीएफ की सभी टीम के साथ बैठक की। उन्होंने एसीएफ टीम से उनके काम करने के तरीके के बारे में पूछने के साथ ही यह भी बताया कि गृह भ्रमण के दौरान किन-किन बातों का ध्यान रखना है। इस मौके पर जिला क्षय रोग अधिकारी (डीटीओ) डा. राजेश सिंह, जिला कार्यक्रम समन्वयक दीपक शर्मा और वरिष्ठ प्रयोगशाला पर्यवेक्षक दुर्वेश चौहान आदि मौजूद रहे। बैठक के पूर्व डा. मानस शर्मा ने गढ़मुक्तेश्वर के वाल्मीकि मोहल्ले में एसीएफ टीम को गृह भ्रमण करते देखा और स्थानीय लोगों से एसीएफ के बारे में फीडबैक भी लिया। एसीएफ टीम के साथ बैठक के दौरान डा. मानस शर्मा ने कहा कि लक्षित आबादी की शत-प्रतिशत स्क्रीनिंग की जाए। गृह भ्रमण के दौरान टीम हर एक व्यक्ति को टीबी के बारे में विस्तार से बताए, टीबी के उपचार की भी जानकारी दे और साथ ही यह भी बताए कि टीबी की जांच के स्पुटम (बलगम का नमूना) देते समय किन – किन बातों का ध्यान रखना है। नमूने की मात्रा पांच मिलीलीटर (एमएल) से कम न हो, नमूना एकत्र करते समय रोगी खुले स्थान पर खड़े होकर अच्छे से खांसकर बलगम निकालें। अपने किसी परिजन को पीछे की ओर खड़े कर पीठ थपथपाने के लिए कहें। पीठ थपथपाने से बलगम निकालने में आसानी होती है और नमूना सही प्राप्त हो जाता है। बता दें कि जनपद समेत पूरे सूबे में 25 नवंबर से घर-घर जाकर क्षय रोगी खोज अभियान चल रहा है। यह अभियान पांच दिसंबर तक चलेगा। इस बार सिंभावली यूनिट को छोड़कर जनपद की सातों अन्य टीबी यूनिट में यह अभियान चलाया जा रहा है। 116 एसीएफ टीम घर-घर जाकर क्षय रोगियों को खोजने के प्रयास में जुटी हैं। डीटीओ डा. राजेश सिंह ने बताया – दो सप्ताह से अधिक खांसी या बुखार, खांसी में बलगम या खून आना, वजन कम होना, भूख कम लगना, सीने में दर्द होना, रात में सोते समय पसीना आना या थकान रहना, टीबी के लक्षण हो सकते हैं। इनमें से कोई भी लक्षण आने पर टीबी की जांच अवश्य कराएं।
एसीएफ में 13 रोगी खोजे गए : डीटीओ
डीटीओ डा. राजेश सिंह ने बताया कि मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डा. सुनील कुमार त्यागी के कुशल निर्देशन में 29 नवंबर तक 1.37 लाख से अधिक लोगों की स्क्रीनिंग की जा चुकी है। डीटीओ डा. सिंह ने बताया – स्क्रीनिंग के दौरान पूरे जनपद में अब तक 1262 ऐसे व्यक्ति चिन्हित किए जा चुके हैं जिनमें टीबी से मिलते -जुलते लक्षण हैं। इनमें से 852 की स्पुटम (बलगम का नमूना) जांच कराई गई है। जांच में 11 लोगों में टीबी की पुष्टि हुई है। इसके अलावा क्लीनिकल डायग्नोसिस के आधार पर भी दो लोगों में टीबी की पुष्टि हुई है। अब तक खोजे गए सभी 13 क्षय रोगियों का उपचार शुरू कर दिया गया है। एसीएफ पांच दिसंबर तक चलेगा।