गाजियाबाद। प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान को सफल बनाने के लिए क्षय रोग विभाग ने सीएमई (सतत मेडिकल शिक्षा) का आयोजन किया। हिन्दुस्तान लेटेक्स फैमिली प्लानिंग प्रमोशन ट्रस्ट (एचएलएफपीपीटी) के सहयोग से आईएमए भवन में आयोजित सीएमई में 10 से अधिक टीबी नोटिफिकेशन करने वाले निजी चिकित्सकों को बुलाया गया था। मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डा. भवतोष शंखधर ने बताया – आयोजन का उद्देश्य राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) में निजी चिकित्सकों के साथ ही पेशेंट प्रोवाइडर सपोर्ट एजेंसी (पीपीएसए) का बेहतर समन्वय और सामंजस्य स्थापित कर प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान को सफल बनाना है। सीएमओ डा. भवतोष शंखधर ने कहा – निजी चिकित्सकों को नोटिफिकेशन पर पांच सौ रुपए, इलाज पूरा करने पर एक हजार रुपए और मल्टी ड्रग रे?जिस्टेंट (एमडीआर) टीबी के रोगी का उपचार पूरा करने पर पांच हजार रुपए मिलते हैं। यह सारी सुविधाएं निजी चिकित्सक प्राप्त करें और यदि रोगी का उपचार करने के लिए विभाग से किसी प्रकार की जरूरत हो तो विभाग तैयार है। उन्होंने कहा सरकारी चिकित्सालयों की विश्वसनीयता बढ़ी है और खासकर जांच व टीबी की दवाओं के मामले में। टीबी की दवाएं अच्छी गुणवत्ता वाली हैं। उन्होंने निजी चिकित्सकों से आह्वान किया कि आपके पास जो क्षय रोगी आए उसके परिजनों को जांच के लिए भेजें। संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए यह जरूरी है। जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज कानपुर के रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग के पूर्व प्रमुख डा. सुधीर चौधरी ने निजी चिकित्सकों के साथ अपने अनुभव शेयर किए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान में जहां मेरी जरूरत होगी, मैं उपस्थित हो जाऊंगा। उन्होंने निजी चिकित्सकों से कहा – आपके पास जो क्षय रोगी आते हैं, उनका नोटिफिकेशन जरूर करें और यदि कोई गरीब दवा का पैसा खर्च करने की स्थिति में न हो तो उसे क्षय रोग विभाग से दवा दिलवाएं। कार्यक्रम में जिला क्षय रोग अधिकारी डा. अमित विक्रम, डा. सूर्यांशु ओझा, आईएमए अध्यक्ष डा. वाणी पुरी रावत, डा. आरके पोद्दार, डा. वीबी जिंदल समेत तमाम नामचीन डॉक्टर मौजूद रहे। कार्यक्रम में जिला पीपीएम समन्वयक दीपाली गुप्ता और एसटीएलएस संजय यादव प्रोजेक्ट मैनेजर पीपीएसए -उत्तर प्रदेश राहुल मिश्रा का विशेष सहयोग रहा। वरिष्ठ छाती रोग विशेषज्ञ डा. आशीष अग्रवाल ने सीएमई की शुरूआत इस आयोजन के उद्देश्य पर चर्चा करते हुए की। उन्होंने कहा – 24 मार्च, 2023 को प्रधानमंत्री ने टीबी मुक्त भारत की जो शपथ ली थी, पब्लिक और निजी क्षेत्र के संयुक्त प्रयास से उस शपथ को पूरा करने के लिए हम यहां एकत्र हुए हैं। उन्होंने पूरी दुनिया और भारत में टीबी की स्थिति की जानकारी देते हुए बताया कि भारत में सबसे अधिक 2.9 मिलियन क्षय रोगी हैं। पूरी दुनिया में यह आंकड़ा 8.7 मिलियन है, लेकिन अच्छी बात यह है कि भारत में टीबी नोटिफिकेशन की संख्या बढ़ रही है और यही कारण है कि टीबी से होने वाली मौतों की संख्या कम हो रही है।