गाजियाबाद। आल इंडिया आइडियल टीचर्स एसोसिएशन की दिल्ली इकाई द्वारा जमाअते इस्लामी हिंद के सीटैग कार्यालय परिसर में नव चयनित शिक्षकों के लिए स्वागत समारोह का आयोजन किया। कार्यक्रम की शुरूआत खलीक-उज्जमान ने कुरान की तजकीर से हुई जिसमें उन्होंने शिक्षा का उद्देश्य मूलत: सही ज्ञान का प्रसार करना बताया। दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष अब्दुल कादिर ने विशिष्ट अतिथियों, आईटा पदाधिकारियों एवं उपस्थित अन्य शिक्षक-शिक्षिकाओं का अतिथि सत्कार किया साथ ही आईटा और देशव्यापी अभियान शैक्षणिक जागरूकता, छात्र विकास और सामाजिक परिवर्तन के लिए राष्ट्रव्यापी अभियान- आईटा-एक मंच का परिचय भी पेश किया। कार्यक्रम में शिरकत करने वाले सभी लोगों ने अपना स्वपरिचय दिया और अपनी एक विशेषता का भी उल्लेख किया। डॉ. हबीबुर रहमान (सहायक प्रोफेसर, जामिया मिलिया इस्लामिया, दिल्ली एवं जिलाध्यक्ष) ने माता-पिता की अपेक्षाओं, छात्रों की इच्छाओं और शैक्षणिक पेशे के निहितार्थ पर विस्तृत रूप से विचार व्यक्त करते हुए कहा कि शिक्षकों को शिक्षण के साथ-साथ ज्ञानवर्धन और मूल्य आधारित शिक्षा को महत्व देना चाहिए। शिक्षकों के अधिकार एवं दायित्व विषय पर विशिष्ट अतिथि डॉ. शमशाद अली (पूर्व डीडीई दिल्ली) ने कहा कि बच्चों से लगाव रखने से ही सर्वश्रेष्ठ शिक्षक कहलाया जा सकता है। मुख्य अतिथि मुर्शिद अली (राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, आईटा ) के हाथों सभी नव चयनित शिक्षकों को पुस्तकें एवं तेहनियत नामा (बधाइयां) प्रदान की गईं। चयनित प्रतिभागियों ने कार्यक्रम के बारे में अपनी बहुमूल्य प्रतिक्रिया दी और आईटा कार्यक्रम की खूब सराहना की। दिल्ली अभियान के संयोजक नूरुल इस्लाम ने कृतज्ञता एवं प्रार्थना की अभिव्यक्ति प्रस्तुत की। निजामत का कार्य मुहम्मद खालिद (प्रदेश सचिव आईटा) द्वारा किया गया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में शिक्षक मौजूद रहे। सरफराज बैग, डॉक्टर मु. कमर, मेहरबान अली, अरशद हाशमी, डॉक्टर फैजान शाहिद ने कार्यक्रम को सफल बनाने में अहम योगदान दिया।