- स्वास्थ्य विभाग आडियो संदेश से कर रहा लोगों को जागरूक
गाजियाबाद। मच्छरों की ब्रीडिंग रोककर ही डेंगू, चिकनगुनिया और मलेरिया जैसी मच्छर जनित अन्य बीमारियों पर काबू पाया जा सकता है। मच्छरों की ब्रीडिंग न होने पाए, इसके लिए मलेरिया विभाग लगातार जनपद में एंटी लार्वा का छिड़काव कर रहा है। यह गतिविधियां उन क्षेत्रों में की जा रही है जहां डेंगू और मलेरिया के मामले सामने आ रहे हैं। यह बातें सोमवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डा. भवतोष शंखधर ने कहीं।
सीएमओ ने बताया कि मच्छरों की ब्रीडिंग रोकने के लिए हर रविवार लो सफाई की जिम्मेदारी, मिलकर पड़ेंगे मच्छरों पर भारी, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन और यूनिसेफ द्वारा तैयार यह आॅडियो संदेश जन-जन तक पहुंचाया जा रहा है, इस पर हर नागरिक को अमल करना है। इस संदेश को जन-जन तक पहुंचाने के लिए स्वास्थ्य विभाग आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के अलावा एनसीसी, एनएसएस और दूसरे संगठनों का सहयोग ले रहा है। सामुदायिक स्तर पर जन जागरूकता कार्यक्रम आयोजित कर इस संदेश को प्रसारित किया जा रहा है। सीएमओ डा. भवतोष शंखधर ने कहा कि मच्छरों की ब्रीडिंग पर काबू पाने के लिए जन सहयोग जरूरी है, केवल स्वास्थ्य विभाग के प्रयासों से यह कार्य पूरा होने वाला नहीं है। इसलिए सभी जागरूक बनें, स्वास्थ्य विभाग का सहयोग करें और अपने परिवार को मच्छर जनित बीमारियों से बचाएं। इसके लिए सिर्फ एक बात गांठ बांध लें, अपने घर के अंदर या घर के आसपास जल जमाव पर नहीं होने देना है। कूलर, एसी और फ्रिज की ट्रे या गमलों की ट्रे में जहां भी पानी रहता है वहां सप्ताह में एक बार अच्छे से सफाई करें। संभव हो तो पानी के कंटेनर को एक बार अच्छे से सुखा लें या फिर उसमें मिट्टी का तेल डाल दें। जिला सर्विलांस अधिकारी (डीएसओ) राकेश कुमार गुप्ता ने बताया कि प्यूपा यानि अंडे से लार्वा और फिर मच्छर बनने में एक सप्ताह का समय लगता है। यदि एक सप्ताह में जल स्रोतों को एक बार अच्छे से साफ कर देंगे तो मच्छर नहीं पैदा होंगे और मच्छर नहीं पैदा होंगे तो मच्छर जनित रोगों पर भी काबू पाया जा सकेगा। लार्वा से मच्छर बनने पर उसे मारना मुश्किल है, इसलिए लार्वा नष्ट करना जरूरी है। स्वास्थ्य विभाग के ढ़ाई सौ डोमेस्टिक ब्रीडिंग चेकर (डीबीसी) रोजाना संवेदनशील क्षेत्रों में जाकर लार्वा नष्ट कर रहे हैं, उन्हें सहयोग करें और उनके द्वारा बताई गई बातों पर अमल करें।