लखनऊ। मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने अर्जुनगंज स्थित महामना शिक्षण संस्थान में आयोजित कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। अपने संबोधन में मुख्य सचिव ने कहा कि पंडित मदन मोहन मालवीय बहुमुखी व्यक्तित्व वाले व्यक्ति थे। वह बचपन से ही पढ़ने के शौकीन थे और उन्होंने बचपन में ही एक लाइब्रेरी की स्थापना की थी। मालवीय जी के पास धन नहीं था, परंतु उन्होंने अपने उच्च विचार के द्वारा वाराणसी हिन्दू विश्वविद्यालय की स्थापना की, जहां देश ही नहीं विदेश के छात्र भी आकार शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं और शोध कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि ऐसी पुण्य आत्मा का नाम इस संस्थान से जुड़ा है, इसलिये निश्चित रूप से यहां पढ़ने वाले विद्यार्थी अपने लक्ष्य को प्राप्त करेंगे और पंच प्रण के माध्यम से अपने देश को विकसित राष्ट्र के रूप में स्थापित करेंगे।
उन्होंने अपने अनुभवों को साझा करते हुये विद्यार्थियों का मार्गदर्शन किया और उन्हें जीवन में आगे बढ़ने का मंत्र दिया। उन्होंने कहा कि जीवन का कोई पड़ाव नहीं होता, सदैव आगे बढ़ते रहना रहना चाहिये। जीवन में सभी का सम्मान करना चाहिये। सदैव अपने उच्च लक्ष्य को संजोये और उसे प्राप्त करने के लिये प्रयत्न करें। मुख्यमंत्री के नेतृत्व में प्रदेश में लगभग 36 लाख करोड़ रुपये का निवेश हो रहा है। हम नई और तेजी से बदलती संभावनाओं के युग में जी रहे हैं, हमें स्वयं को उसी के अनुरूप तैयार करना है। उन्होंने जीवन को यशस्वी और वैभवशाली बनाने हेतु ईमानदारी के साथ कठोर परिश्रम करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि संकल्प से सिद्धि प्राप्त करने के लिये परिश्रम करना पड़ता है। वही छात्र जीवन में सफल होते हैं, जो प्रतिदिन के कार्य का लक्ष्य सुनिश्चित कर समय से अपना कार्य पूरा करते है। अपना शारीरिक स्वास्थ्य अच्छा रखें, क्योंकि स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क का वास होता है। अपने परिश्रम से आप अपने भाग्य का उदय कर सकने में सामर्थ्यवान हैं अत: परिश्रम से कभी पीछे न रहें। उन्होंने कहा कि हम आजादी के 75वें वर्ष को अमृत महोत्सव के रूप में मना रहे हैं, लेकिन आजादी के शताब्दी वर्ष 2047 में हमारा देश कैसा होगा, इसे ध्यान में रखकर बच्चों को गढ़ने की जरूरत है। उन्होंने विद्यार्थियों सहित उपस्थिति सभी लोगों को पंच प्रण की शपथ दिलायी। इससे पूर्व, संस्थान के बच्चों द्वारा सरस्वती वन्दना की भावपूर्ण प्रस्तुत की गयी। संस्थान के सचिव श्री रंजीव तिवारी जी ने अतिथियों का परिचय कराया। बच्चों ने अपना-अपना परिचय स्वयं कराया। कार्यक्रम के अन्त में संस्थान के व्यवस्थापक कैलाशचन्द्र मिश्र द्वारा सभी के प्रति आभार ज्ञापन किया। उक्त अवसर पर संस्थान के पदाधिकारी एवं सदस्यगण आदि उपस्थित रहे।