गाजियाबाद। बरसात का मौसम स्वास्थ्य के लिए संवेदनशील होता है। इस मौसम में संक्रामक रोगों का खतरा बढ़ जाता है। इस बार ज्यादा बरसात होने से हुए जलभराव और बाढ़ जैसे हालातों ने इस खतरे को और बढ़ा दिया है, ऐसे में जरूरी है कि हम बचाव के प्रयास भी बढ़ा दें। यह बातें बृहस्पतिवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डा. भवतोष शंखधर ने कहीं। सीएमओ संजय नगर स्थित संयुक्त जिला चिकित्सालय में राजकीय आॅप्टोमेट्रिस्ट एसोसिएशन के संयोजन में डिस्ट्रिक्ट ब्लाइंडनेस कंट्रोल कार्यक्रम के अंतर्गत आयोजित जन जागरूकता कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। वरिष्ठ नेत्र रोग विशेषज्ञ और सीएमओ डा. भवतोष शंखधर ने इस मौके पर आई फ्लू और संचारी रोगों पर बचाव की सलाह देते हुए कहा कि किसी भी रोग से बचाव के लिए साफ – सफाई पहला कदम होता है। आई फ्लू और संचारी रोगों से बचाव के लिए भी यह बात सौ फीसदी सही है। उन्होंने कहा वायुमंडल में नमी बढ़ने से इस मौसम में आंखों में संक्रमण आम बात है, लेकिन थोड़ी सी सावधानी इस रोग की गंभीरता को काफी हद तक कम कर सकती है। हाथों को साबुन-पानी से धोते रहें। यह आदत आपको संचारी रोगों से बचाने में भी मदद करेगी। आंखों में यदि संक्रमण हो गया है तो रोगी का तौलिया अलग कर दें। आंखों को छूने से बचें और नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर चिकित्सक से परामर्श लें। चिकित्सकीय परामर्श के बिना कोई आई ड्रॉप प्रयोग न करें। आंखों में हल्के गुनगुने के पानी के झपके मारें। गर्म पानी में कॉटन भिगोकर उसकी भाप से भी आंखों की सिकाई करना लाभदायक रहता है। आंखों को रगड़ें बिल्कुल नहीं। संक्रमण के दौरान घर से बाहर निकलने से बचें और यदि निकलना पड़े तो धूल आदि से बचाव के लिए धूप वाले चश्मे का प्रयोग करें। मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा. विनोद चंद्र पांडेय ने कहा कि किसी भी बीमारी के मामले में उपचार से बेहतर बचाव होता है। सभी सरकारी चिकित्सालयों में आई फ्लू और संचारी रोगों का उपचार उपलब्ध है लेकिन बचाव पर जोर दें ताकि आप बीमार ही न पड़े। इसके लिए खानपान का ध्यान रखें ताकि रोक प्रतिरोधक क्षमता मजबूत रहे और कोई संक्रमण न लगने पाए। कार्यक्रम के दौरान डा. मदन मोहन अग्रवाल और डा. सूर्यांशु ओझा ने ओपीडी में आए रोगियों और उनके तीमारदारों को संबोधित किया। संयुक्त जिला चिकित्सालय में नेत्र विभाग की प्रभारी डा. शुचिता ने बताया – आई फ्लू से बचाव के लिए हाथों की नियमित सफाई महत्वपूर्ण है। यह संक्रमण छूने से फैलता है। संक्रमित व्यक्ति का तौलिया इस्तेमाल करने से, उससे हाथ मिलाने से संक्रमण लग सकता है। दरअसल संक्रमित आंख को छूने से संक्रमण हाथ पर आ जाता है और जब वह व्यक्ति किसी से हाथ मिलाता है तो संक्रमण उसे दे देता है। देखने से यह संक्रमण नहीं फैलता।