गाजियाबाद। कल आई आंधी-बारिश के दौरान हिंडन श्मशान घाट का मंजर देख लोगों के दिल सहम गए। कोरोना संक्रमित शवों को रोगी वाहन लेकर पहुंच रहे थे। ऐसे में दाह संस्कार पूर्ण होने से पहले ही बारिश ने चिताओं की अग्नि को शांत कर दिया। यह देखकर मृतकों के स्वजन घबरा गए। कुदरत के इस रूप के सामने पुरोहितों ने भी हाथ खड़े कर दिए। बारिश रुकने की आस लगाए मृतकों के स्वजन श्मशान घाट में ही बैठे रहे और भगवान से बारिश रुकने की प्रार्थना करते रहे।
हिंडन श्मशानघाट के पंडित आचार्य मंनीष पंडित के छोटे भाई राजेश ने बताया कि जब कभी भी बारिश या आंधी आती है तो अंतिम संस्कार की क्रिया को रोक देना पड़ता है। कल भी एक घंटे के लिए अंतिम संस्कार क्रिया को रोकना पड़ा था। उन्होंने बताया कि आंधी से चिता से राख उड़ने लगती है। इसलिए आंधी के थमने तक अंतिम संस्कार की क्रिया को रोकना पड़ता है। उन्होंने बताया चिताओं को प्रचंड करने के लिए हवा की बेहद जरूरत होती है। पिछले दिनों हिंडन किनोर दीवार लगाने की बात निगम अधिकारियों ने की थी लेकिन जब उन्हें इस बारे में बताया गया तो सिर्फ फेंसिंग ही कराई गई। इसके अलावा कई और स्थानों पर खुले में अंतिम संस्कार के दौरान दिक्कतों का सामना करना पड़ा। बारिश ने चिताओं की आग बुझा दी तो आंधी से राख उड़ती देख स्वजन सहम गए।