गाजियाबाद। जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह ने सोमवार को जनपद में चल रहे विशेष क्षय रोगी खोज अभियान की समीक्षा की। बैठक में जिलाधिकारी ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डा. भवतोष शंखधर और जिला क्षय रोग अधिकारी (डीटीओ) डा. डीएम सक्सेना को निर्देश दिए हैं कि टीबी मुक्त भारत का लक्ष्य हासिल करने के लिए ग्राउंड जीरो पर काम करें। हर गांव और हर वार्ड में लाइन लिस्टिंग की जाए और ग्राम स्तर पर जन आरोग्य समिति को सक्रिय किया जाए। जिले में कुल 294 वार्ड और 170 गांव हैं, सभी की अलग-अलग सूची तैयार कराकर दो दिन में उपलब्ध कराई जाए। सीएमओ डा. भवतोष शंखधर ने बताया कि जिलाधिकारी ने हर गांव में उपचाराधीन क्षय रोगियों की एक सूची तैयार करने के साथ ही दो वर्षों में टीबी को हराकर ठीक हुए रोगियों की सूची भी तैयार करने और इस सूची को ग्राम प्रधान व वार्ड सदस्य/सभासद/पार्षद के साथ शेयर करने के निर्देश दिए हैं। दो वर्षों में टीबी की बीमारी को हराने वाले व्यक्तियों टीबी चैंपियन बनाया जाएगा ताकि वह क्षय रोगियों के लिए प्रेरक का काम कर सकें। वह रोगियों को बताएंगे कि कैसे उन्होंने टीबी को मात दी और आज वह बिल्कुल ठीक व हर कार्य करने में समर्थ हैं।
जिलाधिकारी ने निवाड़ी, फरीदनगर, डासना और खोड़ा जैसे घनी आबादी वाले टीबी के प्रति संवेदनशील कस्बों में फोकस्ड अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं। डीटीओ डा. डीएम सक्सेना ने बताया – जिलाधिकारी ने जल्दी से जल्दी क्षय रोगी को खोजने और उपचार शुरू करने पर जोर दिया है, और टीबी संक्रमण पर काबू करने का यही एक तरीका है कि कम से कम समय में अधिक से अधिक रोगियों को खोजकर उपचार पर लाया जाए ताकि संक्रमण की कड़ी को तोड़ा जा सके।
जिला क्षय रोग अधिकारी डा. डीएम सक्सेना ने बताया कि 15 मई से शुरू हुए 21 कार्य दिवसीय विशेष क्षय रोगी खोज अभियान में अब तक 3800 व्यक्तियों की स्क्रीनिंग की गई है। इनमें से 1400 व्यक्ति लक्षण युक्त मिले और उनके स्पुटम (बलगम) की जांच कराई गई। कुल 23 में क्षय रोग की पुष्टि हुई है, इसके अलावा क्लीनिकल डायग्नोसिस के बाद एक्स-रे रिपोर्ट में छह मामलों में टीबी की पुष्टि हुई है। सभी 29 रोगियों का उपचार शुरू कर दिया गया है।