- खानपान और बेहतर जीवन शैली से भी कम होती है परेशानी
- हरी सब्जियां और विटामिन-सी से भरपूर डाइट लेना लाभदायक
गाजियाबाद। हर वर्ष मई माह के पहले मंगलवार को विश्व अस्थमा दिवस मनाया जाता है। इस आयोजन का उद्देश्य लोगों को अस्थमा के बारे में जागरूक करना और यह बताना है कि अस्थमा रोगी कैसे बेहतर जीवन व्यतीत कर सकते हैं। क्षेत्रीय आयुर्वेदिक और यूनानी अधिकारी डा. अशोक राणा का कहना है कि यह सांस से जुड़ी बीमारी है। जहां लापरवाही कई बार जानलेवा भी हो सकती है वहीं छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखकर अस्थमा रोगी बेहतर जीवन व्यतीत कर सकते हैं। अस्थमा रोगी खानपान और जीवनशैली का ध्यान रखते हुए नियमित रूप से योगाभ्यास करें तो परेशानी काफी हद तक कम हो जाती है।
डा. अशोक राणा ने बताया कि प्रदूषण और रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने से श्वास नली में सूजन के कारण श्वांस मार्ग सिकुड़ जाता है और लंबे समय तक यह समस्या रहने से अस्थमा हो जाता है। फेफड़ों में कफ जम जाने से परेशानी काफी बढ़ जाती है। नियमित रूप से हरी सब्जियों का सेवन करने से कफ जमने की समस्या नहीं होती और साथ ही एंटी आॅक्सीडेंट व मल्टी विटामिन मिलने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बेहतर बनी रहती है, इससे अन्य संक्रमणों का खतरा भी कम रहता है। हरी सब्जियां आंत और फेफड़ों के लिए अच्छी होती हैं। भोजन में विटामिन-सी से भरपूर चीजों को शामिल करें। विटामिन सी अस्थमा के अटैक का खतरा कम कर देता है। सोते समय दो-तीन चुटकी दालचीनी शहद में मिलाकर ले सकते हैं और साथ ही तुलसी का भी प्रयोग कर सकते हैं। तुलसी अच्छा एंटी आॅक्सीडेंट है।
डा. राणा ने बताया कि आयुर्वेद विभाग, गाजियाबाद की ओर से विश्व अस्थमा दिवस पर जागरूकता के लिए जनपद के समस्त राजकीय आयुर्वेदिक/यूनानी चिकित्सालयों में चिकित्सकों द्वारा अस्थमा व श्वांस रोगों के कारण एवं निवारण पर रोगियों को विस्तृत जानकारी दी जा रही है। इसके साथ ही जनपद के पांच पार्कों (सिटी पार्क- स्वर्ण जयंती पुरम, सेंट्रल पार्क – संजय नगर, नगर पंचायत पार्क – निवाड़ी, खन्ना नगर पार्क- लोनी और राम मनोहर लोहिया पार्क- साहिबाबाद) में प्रतिदिन प्रात: 6.15 बजे से 8 बजे तक विभाग की ओर से दो सत्रों में योग प्रशिक्षण एवं आयुष चिकित्सकों द्वारा परामर्श प्रदान किया जा रहा है। मंगलवार को विश्व अस्थमा दिवस पर श्वांस रोगों से संबंधित विशेष परामर्श एवं व्यायाम/ योग का आयोजन किया जाएगा। डा. राणा की सलाह है कि योगासन के लिए पार्क में उपस्थित हो पाने में असमर्थ रोगी सामान्य घरेलू उपचार के लिए गिलोय, मुलेठी और तुलसी क्वाथ का सेवन करें तथा कपालभाति, भस्त्रिका, सूर्यभेदी, अनुलोम विलोम और भ्रामरी प्राणायाम करें। प्राणायाम अस्थमा रोगियों के लिए विशेष लाभकारी हैं। भुजंगासन भी अस्थमा व श्वांस रोगों में काफी फायदेमंद होता है। बीमारी के लक्षण :सांस लेने में तकलीफ होना,खांसी आना, सीने में जकड़न होना, घरघराहट की आवाज आना।