आपका शरीर है स्वयं का डॉक्टर विषय पर गोष्ठी सम्पन्न
आर्य युवक परिषद के वेबिनार ज्ञान वर्धक: सुदेशवीर आर्या
गाजियाबाद। केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के तत्वावधान में हमारा शरीर हमारा स्वयं डॉक्टर है विषय पर आनलाइन आर्य गोष्ठी का आयोजन जूम पर किया गया। मुख्य वक्ता युवा योगाचार्या श्रुति सेतिया ने बताया कि हम सब ठीक होना चाहते हैं। ये स्वाभाविक आवश्यकता है। कोई भी पैथि से दवा लेने से केवल शरीर की समस्या को हम सपोर्ट करते हंै या प्रबंध करते हैं। लेकिन आपका शरीर स्वयं में एक दवा की व्यवस्था है,अस्पताल है पूरा। समस्या अगर जन्म लेती है तो शरीर ही समाधान देता है। रोग प्रतिरोधक क्षमता हम को स्वयं सहयोग करता है। इस तंत्र की कमजोरी से इंफेक्शन तुरंत हो जाता है। सिर्फ योग ही एक ऐसा सिस्टम है जो बाहर के सपोर्ट की बात नहीं करता। योग बोलता है कि समस्या यही है तो समाधान भी यही है। योग अगर सही तरीके से शरीर में गया तो आपको किसी भी पैथि (एलोपैथ,आयुर्वेद, होमियोपैथ) की आवश्यकता नहीं होगी। समय पर सोना, जागना, समय पर खाना पीना अगर सही है तो योग आपके दुख दूर कर देगा। उन्होंने उपवास पर भी जोर दिया और कहा कि शरीर की छोटी मोटी बीमारी तो केवल उपवास से ठीक हो जाती है। जैसा हो भोजन वैसे बने हम। अपनी छोटी सी मांसल जीभ पर भी रोक लगनी चाहिए, इस से ही अनेको रोग उत्पन होते हैं। मन को बलिष्ठ और अपने नियम से मत डिगो। जीभ को संयमित कर लिया तो उस दिन समझिए कि आप स्वस्थ होते चले जाएंगे। जितना हो आवश्यक खायें, स्वस्थ बने, विद्वान कहलायें। जीवन ऋषियों के जैसा बनाएं। आहार की शुद्ध वास्तविकता, नियमित व्यायाम, ब्रह्मचर्य आदि व्रतों का सेवन और स्वदेशी आयुर्वेद और प्रकृति के अनूकूल जीवन शैली अपनाएं। अध्यक्षता करते हुए आर्य नेत्री सुदेशवीर आर्या ने कहा कि आर्य युवक परिषद कोरोना काल में भी विभिन्न विषयों पर वेबिनार आयोजित कर सराहनीय कार्य कर रही हैं। हम खान पान पर संयम रखकर स्वस्थ रह सकते हैं। केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य ने कहा कि हमारा शरीर हमें संकेत देता रहता है, उसी की भाषा समझ कर हमें दिनचर्या का पालन करते रहना चाहिए। केन्द्रीय आर्य युवक परिषद उत्तर प्रदेश के प्रदेश महामंत्री प्रवीण आर्य ने यम नियमों का पालन करने का आह्वान किया। आर्य नेता यशोवीर आर्य ने भी अपनी शुभकामनाएं दीं। गायिका बिंदु मदान, वेदिका आर्या, आशा आर्या, रवीन्द्र गुप्ता, सुखवर्षा सरदाना, पुष्पा चुघ, सुषमा धर, विजय लक्ष्मी, संध्या पांडेय, उर्मिला आर्य, प्रवीना ठक्कर, निर्मल विरमानी, कुसुम भंडारी आदि ने गीत सुनाये। आचार्य महेन्द्र भाई, सौरभ गुप्ता, आनन्द प्रकाश आर्य,अनिल कक्कड़, अरुण आर्य, संजय सपरा, कल्पना रस्तोगी आदि उपस्थित थे।