- टीबी मुक्त भारत अभियान में हिन्ट रेडियो रहेगा हमेशा आगे: सामंत सेखरी
- आईएमए के साथ मिलकर टीबी को 2024 में ही भगा देंगे: सीएमओ
- टीबी मरीजों की जांच का दायरा बढ़ाकर जल्द जीत सकते हैं जंग: डा. आशीष
गाजियाबाद। हिन्ट रेडियो टीबी जागरुकता का काफी समय से आयोजन करता रहा है। 24 मार्च यानी शुक्रवार को विश्व टीबी दिवस था, इसलिए गाजियाबाद जनपद में वृहद स्तर पर स्वास्थ्य विभाग और सामाजिक संस्थाओं ने कार्यक्रम आयोजित किए। हिन्ट रेडियो ने इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के साथ मिलकर राजनगर स्थित आईएमए भवन में संगोष्ठी आयोजित की। संगोष्ठी में बड़ी संख्या में डाक्टर, एनजीओ व लोग मौजूद रहे। हिन्ट रेडियो के निदेशक सामंत सेखरी ने इस मौके पर कहा कि भारत से टीबी को मुक्त कराने के लिए जो भी सहयोग हम से लिया जा सकता है हम देने को तैयार है। हिन्ट रेडियो हमेशा से जनसहभागिता के कार्यक्रमों में आगे रहा है और रहेगा। टीबी मुक्त भारत अभियान में भी हिन्ट रेडियो की टीम ने पूरी मेहनत से काम किया है। उन्होंने कहा कि हमारी टीम के सदस्यों ने शहरी के अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर लोगों को टीबी के बारे में जागरुक किया है। अभियान का ही परिणाम रहा कि आसपास के सरकारी चिकित्सा केन्द्रों पर ओपीडी की संख्या बढ़ी और टीबी के नए मरीज चिन्हित किए गए। उन्होंने आईएमए के पदाधिकारियों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि टीबी को हराने में आईएमए का बहुत बड़ा योगदान मिलेगा। कार्यक्रम में पहुंचे सीएमओ डा. भवतोष शंखधर ने कहा कि विश्व में भारत टीबी में नंबर वन है तो उत्तर प्रदेश भी टीबी मरीजों के मामले में नंबर वन की स्थिति में है अब यह दुर्भाग्य ही है कि गाजियाबाद पूरे प्रदेश में टीबी मरीजों के मामले में पहले नंबर पर है। लेकिन घबराने की कोई जरूरत नहीं है। करीब नौ हजार टीबी के मरीजों को गाजियाबाद जनपद में इलाज चल रहा है। इससे यह तो साबित होता है कि स्वास्थ्य विभाग और निजी चिकित्सक मिलकर टीबी के मरीजों को फाइंडआउट यानी ढूंढ निकाल रहे हैं, जब मरीजों को ढूंढा गया है तो उन्हें ठीक भी किया जाएगा। उन्होंने बताया कि सरकारी स्तर पर जांच और दवाई बिल्कुल मुफ्त हैं, इसलिए निजी चिकित्सक सरकारी अस्पतालों में मरीजों की जांच करा सकते हैं, दवाई ले सकते हैं, मरीज आपका ही रहेगा, इससे आप बेफिक्र रहें। वरिष्ठ शिशु रोग विशेषज्ञ डा.आशीष अग्रवाल ने टीबी को लेकर लगभग एक घंटे तक प्वाइंट वाइज पूरी जानकारी दी। लोगों में टीबी को कैसे ढूंढा जा सकता है, उसकी जांच, इलाज, दवाइयों के साइड इफेक्ट, ट्रूनोट, सीबी नेट आदि जांच को लेकर विस्तार से जानकारी दी। उनके एक घंटे के लेक्चर सेशन को सभी ने ध्यानपूर्वक सुना।
आईएमए के जिलाध्यक्ष डा. संदीप वार्ष्णेय और उनकी टीम के सदस्यों ने आए सभी अतिथियों का स्वागत किया। आईएमए वंदना से शुरू हुआ कार्यक्रम जनगणमन के साथ समापन हुआ।